छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन रूपी सुदर्शन चक्र राज के नाकों तले अब भी सरकारी निर्माण कार्य में लिप्त सफेदपोश कांग्रेसी ठेकेदारों की खुलेआम दादागिरी बंद होने का नाम नहीं ले रहा है,जबकि विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सभी छत्तिसगढ़ वासियों से उनकी सुरक्षा की गारंटी का वायदा था और इसके साथ ही हर गद्दार को उल्टा टांगकर लटकाने की बात कही गई थी। गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार बनने के बाद आज समूचे प्रदेश भर के अंदर आज कानून व्यवस्था की जो हालत बनीं हुई दिखाई दे रही वह किसी से छुपी नहीं हुई है।
ऐसे में हैरानी की बात यह है कि जो लोग गली गली चिख चिख कर समूचे प्रदेश भर में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को लेकर दुहाई देते हुए नजर आते हैं उन्ही में से ही ज्यादातर लोग प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम करते देखे जा रहे हैं। हाल के जूम्मा जूम्मा कुछ दिन पहले बीजापुर जिले में युवा पीढ़ी के जांबाज पत्रकार मुकेश चंन्द्राकर को तथाकथित कांग्रेसी ठेकेदार ने घटिया सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए मामले पर खबर चलाने के एवज में सेप्टिक टैंक के अंदर दफन कर मार डाला था और इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में जांबाज पत्रकारों को मुकेश चंन्द्राकर जैसे हस्र करने की धमकी मिलना अभी बंद नहीं हुआ है। अब चिंतन करने वाली बात यह है कि जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर कथित तौर पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो बांकी प्रदेश के अंदर मौजूद रहने वाले आम आदमी का क्या खाक सुरक्षा होगा?
बहरहाल बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक ग्राम पंचायत के अंदर एक कांग्रेसी ठेकेदार का नाली निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। निर्माण कार्य से जुड़ी हुई सभी संवेदनशील संवैधानिक जानकारी ज़मीनी धरातल से गायब है और इस बीच त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के चलते लगभग हर छोटे बड़े अधिकारी चुनाव के कार्यों में व्यस्त हैं और जी जान से जुटे हुए हैं। इस बीच नाली निर्माण कार्य के दरमियान एक ग्रामीण को निर्माण कार्य में तकनीकी कमी दिखाई दी लिहाजा वह नजदिक में रहने वाले एक पत्रकार को जानकारी दे दिया। मौके पर पहुंच कर पत्रकार ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए निर्माण कार्य से जुड़े हुए शिकायतों को गंभीरता से सोसल मीडिया पर वायरल कर दिया है। चूंकि निर्माण कार्य से जुड़े हुए शिकायतों को गंभीरता से प्रचार प्रसार कर शासन और प्रशासन तक सही समय में जानकारी पहुंचाना एक पत्रकार का काम होता है और वंही एक नागरिक होने के नाते शिकायतकर्ता की जिम्मेदारी बनती है कि उसे यदि कहीं पर भी संदेह होता है तो वह निर्माण कार्य को लेकर सवाल खड़े कर सकता है। उक्त घटनाक्रम में आवाज बुलंद करने पर एक ठेकेदार के द्वारा एक जागरूक आम नागरिक को एक पत्रकार के सामने बुरी तरह से धमकाया गया जो कि चिंता का विषय है। इस दौरान शिकायकर्ता ग्रामीण उसके परिवार उक्त ठेकेदार से नाली निर्माण कार्य को लेकर लगातार शिकायत कर रहे थे। मामले में ठेकेदार का कहना है कि मैं अपना काम ईमानदारी से कर रहा हूं और मुझे किसकी कोई शिकायत नहीं सुनना है। यदि शिकायत करोगे तो मैं काम बंद कर दूंगा फिर दोबारा मैं यह कार्य नहीं करूंगा। बता दें कि कोई भी सरकारी निर्माण कार्य किसी भी ठेकेदार की बाप का बपौती नहीं होता है और निर्माण कार्य नियम बद्ध तरीके से सुनिश्चित करना शासन और प्रशासन का काम है और यदि कहीं कुछ कमी दिखाई दे रही है तो उस कमी को दूर करना भी जवाबदेही है। बहरहाल ग्रामीणो को सरकारी निर्माण कार्य में सवाल उठना भारी पड़ रहा है।