गुणवत्ताहीन पाइप के इस्तेमाल के चलते जल जीवन मिशन योजना बनी लोगों के लिए परेशानी का सबब,जबकि यह योजना हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाने हेतू धरातल पर सरकार के द्वारा भागिरथ बन कर उतारा गया था, लेकिन विडंबना देखिए जंहा जिला में एक ओर इस योजना के तहत पानी टंकी निर्माण कार्य से लेकर पाईप लाईन बिछाने का काम जारी है वंही दुसरी तरफ जिला के कई गांवों में बनाई गई दोयम दर्जे की पानी टंकी और गली में बिछाई गई पानी पाईप लाइन आये दिन फूट रहे हैं। ऐसे में शासन और प्रशासन के साथ सरकार को भी गंभीरता से ध्यान रखकर चलना होगा।
जल जीवन मिशन के तहत ज्यादातर ग्राम पंचायतों में बिछाई गई पाइप लाइन घटिया स्तर के,बार बार टुटने और फुटने से ग्रामीण आये दिन हो रहे हैं परेशान ...
जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत बनाई गई नल जल योजना में पाईप लाइन विस्तार कार्य के दौरान बरती गई धांधली का जिंदा सबूत इन दिनों बालोद जिला के ज्यादातर ग्राम पंचायतों के अंदर गली गली से बहते हुए गंदा जल के रूप में देखने को मिल रहा है। विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर घर शुद्ध जल की श्लोगन को बदल कर जिला के ज्यादातर ग्राम पंचायतों के अंदर मौजूद सरपंचों ने इस योजना से ताल्लुक रखने वाले ठेकेदारों और अधिकारों के साथ मिलकर हर गली मोहल्ले में जगह गंदा जल भरने हेतू किया करोड़ रुपए का व्यारा न्यारा किया है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार भी इस बात को मानती है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत इस योजना में भारी गड़बड़ी की गई है। बावजूद इसके जमीनी धरातल पर जो गली गली में गंदा पानी का आलम पसरा हुआ है उसकी जवाबदेही किसकी बनती है या फिर इस मंजर में परिवर्तन कैसे किया जाए यह तय नहीं है। बता दें कि केन्द्र सरकार के द्वारा संचालित इस योजना के तहत बालोद जिला में ज्यादातर कार्य घटिया स्तर पर निर्माण कार्य किया गया है। मामले को लेकर जिला के सभी विधायकों ने विधानसभा में सरकार के समक्ष मुद्दा उठाने का प्रयास किया है किन्तु हैरत की बात यह है कि मंजर में अधिक बदलाव अब मुकम ्म नहीं हुआ है।
