सैकड़ों की संख्या में पहुंचे बिजली विभाग में कार्यरत मजदूर की मौत से बिफरे ग्रामीणों और ठेका श्रमिकों ने मृतक युगल किशोर ओटी की लाश का अंतिम संस्कार करने से मना किया। सुबह से गुरूर थाना में जुटे मृतक युगल किशोर ओटी की साथी और समर्थक, जबकि मृतक की लाश को पोस्टमार्टम केन्द्र गुरूर में रखे हुए हैं। बता दें कि इस घटनाक्रम में शामिल ठेकेदार साहब,पूर्व में बालोद जिला अंतर्गत बिजली विभाग में कई वर्षों तक सेवा प्रदान कर चुके हैं और अब उनके लाड़ले सुपुत्र उनके बदले में ठेंका का काम कर रहे हैं।
बिजली विभाग गुरूर में कार्यरत ठेंका श्रमिक की कार्य के दरमियान हादसा होने के चलते एक गंभीर वारदात घट गई है। बता दें कि विद्युत विभाग गुरूर में कार्यरत ठेकेदार के महत कार्य करने वाले ग्राम मटिया के आदीवासी मजदूर युगल किशोर ओटी पिता छगन लाल ओटी का गुरूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डांडेसरा में घटिया बिजली खंभा गड़ाने के दौरान भंयकर दुर्घटना घट गया और इस दर्दनाक घटना में युगल किशोर ओटी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई है। उक्त घटनाक्रम के बाद विद्युत विभाग में कार्यरत ठेंका मजदूरों ने अपने साथी मजदूर की मौत को लेकर खूब हंगामा किया है। हंगामा के चलते गुरूर थाना में कई राजनेताओं का आना-जाना हुआ है। सूत्रों की मानें तो दुर्घटना के बख्त मजदूर को किसी भी तरह के सेफ्टी प्रदान नहीं किया गया था,जिसके चलते इस दुर्घटना में गरीब मजदूर की जान चली गई है। इस घटना के बाद बिजली विभाग में कार्यरत ज्यादातर मजदूरों में नाराज़गी देखी जा रही है। हालांकि संबंधित ठेकेदार पिडित परिवार पांच लाख रुपए मुआवजा देने की बात कह कर उक्त मामले में पल्ला झाड़ने की कोशिश लगा हुआ है। पिडित मजदूर परिवार को उचित मुआवजा प्रदान नहीं करने के एवज में मजदूरों ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए शासन और प्रशासन से न्याय की मांग को रखा है।
जरा सोचिए विधुत विभाग में सालों तक काम करने वाले लोग ही जब ग़रीब मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखेंगे तो और कौन रखेगा? अवगत हो कि मटिया B के गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाला ईकलौता कमाऊ बेटा युगल किशोर ओटी पिता छगन लाल ओटी आज इस दुनिया में जिंदा नहीं बचा है लेकिन उसकी जिम्मेवारी अब भी उनके साथ दफन हो कर उनके साथ जा रही है। क्या युगल किशोर ओटी की अधूरी जिम्मेदारी का वहन सुरक्षा और सेफ्टी प्रदान नहीं करवाने वाली विधुत विभाग को नहीं लेना चाहिए? महज कुछ रूपये मुआवजा के दम पर कुछ जख्मों पर मरहम लगाया जा सकता है लेकिन इससे युगल किशोर ओटी की जिंदगी तो वापस नहीं लौटाई जा सकती है। सूत्रों की मानें तो बिजली विभाग बालोद अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ठेकेदार साहब को आगे बढ़ा रही है, जबकि इस गंभीर घटनाक्रम को लेकर विभाग को गंभीरता के साथ कार्यवाही करते हुए मजदूर परिवार के साथ खड़ा होता हुआ दिखाई देना चाहिए।