नगर पंचायत गुरूर में बिछी सियासी बिसात, दोनों मुख्य राजनीतिक दल ने नामांकन रैली निकाल कर दिखाया दमखम।

बालोद : जिला की सियासी सरजमीं पर राजनीतिक रणभूमि के नाम से शुमार गुरूर विकासखण्ड मुख्यालय पर इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय की बिगुल बज चुका है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रण भूमि गुरूर जनपद मुख्यालय के अंदर बिगुल फुंकने वाले लोगों कोई और नहीं बल्कि नगर के अंदर मौजूद सियासी जमात से ताल्लुक रखने वाले सभी सियासतदान ही होंगे। इस कड़ी में कांग्रेस पार्टी की ओर से नगर पंचायत गुरूर के अध्यक्ष पद हेतू देऊर देव के पावन धरा के करीया रतन बेटा टिकेश्वर साहू चुनावी मैदान पर दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस पार्टी नगर पंचायत गुरूर के अंदर टिकेश्वर साहू उर्फ गोलू भाईतहसील कार्यालय वाले के बौदलत अपनी दबदबा को नगरवासियों के मध्य फिर से कायम रखना चाह रही है तो वंही दूसरी तरफ अब न साहिबो बदल के रहिबो कहते हुए प्रदेश की सत्ता से अब की बार 75 पार कहते हुए गली गली जूमला ठोंकने वाले लोगों को ठिकाना लगा देने के बाद अब सत्ताधारी राजनीतिक दल नगर पंचायत गुरूर में प्रदिप साहू को टिकेश्वर साहू उर्फ गोलू भाई (तहसील कार्यालय वाले) के सामने सियासी मैदान पर उतारा है। भारतीय जनता पार्टी की सोंच है कि नगर पंचायत गुरूर की सत्ता पर काबिज होने के बावजूद नगर को विकास की अवधारणा से दूर रखने वाली कांग्रेस पार्टी को यंहा से भी भागना पड़ेगा और इसलिए भारतीय जनता पार्टी के जमात से ताल्लुक रखने वाले प्रदिप साहू को चुवानी मैदान पर सामने खड़ा किया है। प्रदिप साहू का वैसे तो गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत अकलवारा से गहरा संबंध बताया जाता रहा है किन्तु यह भी सत्य है कि वे पूर्व में नगर पंचायत गुरूर के अंदर भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहले भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और नगर के अंदर मौजूद आम जनता उनकी प्रतिभा और काम करने के तरीके को देख चुकी है। ऐसे में प्रदिप साहू और टिकेश्वर साहू के मध्य एक बेहतरीन चुनावी घमासान संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजनीतिक रण भूमि के नाम से मशहूर नगर पंचायत गुरूर में देखने को मिल सकता है। दोनों मुख्य राजनीतिक दल के प्रत्याशियों ने पूरे दमखम के साथ रैली निकाल कर नांमाकन दाखिल कर दिया है और इसी के साथ देऊर देव के पवित्र आंगन नगर पंचायत गुरूर में पानी पीयो छान के अऊ नेता चुनो जान की कहावत चरितार्थ होने की शुरुआत हो गई है। अब आगे देखने वाली बात यह होगी कि नगर पंचायत गुरूर के निवासी किस राजनीतिक दल के उम्मीदवार को अपना मुखिया बनाने के अपना बहुमूल्य मत का दान करते हैं।