हाल के दिनो मे घटित बीजापुर जिले के युवा और जांबाज पत्रकार मुकेश चंन्द्राकर के चिता की राख को उनके परिजन सही ढंग से विसर्जित भी नहीं कर पाने की खबर जग जाहिर है और इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर मुकेश चंन्द्राकर जैसा हश्र करने की धमकी जांबाज पत्रकारों को मिलना बंद नहीं हुई है। उदाहरण के तौर पर बालोद जिले के अंदर मौजूद राजहरा पुलिस के हवाले एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गई है। जिसमें साफ साफ एक पत्रकार ने लिखा है कि उसे एक अपधारी प्रवृत्ति के व्यक्ति ने मुकेश चंन्द्राकर के जैसा हश्र करने की धमकी दी है। गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर इन दिनों पत्रकारिता उबाल मार रही है और इसका सबसे बड़ा कारण मुकेश चंन्द्राकर जैसे युवा पत्रकार की दर्दनाक हत्या है। ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि सूबे में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी को बखूबी तरीके से समझते हुए ईमानदारी पूर्वक निभायें ताकि जनता को अपनी सुरक्षा का आभास हो सकें और किसी भी अपराधी का हौसला इतना बुलंद न हो सके कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक व्यवस्था की पैरवी करने वाले लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सेप्टिक टैंक में दफन कर सकें। हलक में सत्ता की हुनक जब घुंसी हो तब ऐसे में मुंह से राम की जगह मरा ही निकलेगा, फिरोज खान की लिखित शिकायत के बावजूद अब तक पुलिस महकमा ने नहीं किया रिपोर्ट दर्ज
अयस्क नगरी राजहरा के अंदर मौजूद रहने वाले तथाकथित कमल भैय्ये गुंडे विशाल मोटवानी के सर पर सत्ता की हुनक जमकर सवार, राष्ट्रीय अखबार के जिला ब्यूरो चीफ फिरोज अहमद खान को सेप्टिक टैंक में दफन करने की दी खुलेआम धमकी, बावजूद इसके खाकी वर्दी के भेष में समाज के भीतर आम जनता को उनकी सुरक्षा का आभास करने वाले पहरेदारों के पैरोकार तले विशाल मोटवानी बैखौफ होकर अपने सर पर सवार सत्ता की हुनक को अयस्क नगरी राजहरा में लहराने की सूचना मिली रही है और इस दिलचस्प नजारे को राजहरा थाना क्षेत्र में निवास करने वाले बाशिंदे अपनी नंगी आंखों से खुलेआम देख रहे हैं। इस बीच विशाल मोटवानी जैसे अपराधी किस्म के व्यक्ति को अपना ठप्पा देकर राजहरा थाना क्षेत्र में उत्पात मचाने के लिए छोड़ने वाली सत्ताधारी राजनीतिक दल और पत्रकारों से जुड़े हुए कलंक को अपने सर पर लेकर चलने वाली विपक्षी राजनीतिक दल खामोश बैठकर फिरोज अहमद खान के हश्र को बीजापुर जिले के जांबाज युवा पत्रकार मुकेश चंन्द्राकर के जैसा होने की राह देख रहे हैं।
विशाल मोटवानी जैसे अपराधी किस्म के व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी का मिला साथ, पार्टी से निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्यासी बनाए गए पत्रकारों के सुरक्षा से जुड़े हुए मामलों को लेकर बालोद जिला सुरक्षित नहीं है, किन्तु सुशासन के दम पर गली गली ठोल पीटने वाली सत्ताधारी राजनीतिक दल और विपक्ष में बैठेंने के बावजूद नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानदारी चलाने की बात कहने वाले विपक्षी दल को ऐसे वाहियात घटनाक्रम पर जरा सा शर्म नहीं आती है। यदि आती तो जिला में इस तरह की शर्मनाक घटनाक्रम उनके रहते हुए न तो दिखाई देता और न ही सुनाई देता। हैरानी की बात यह है कि पूरे जिले भर में राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले ज्यादातर सफेदपोश तथाकथित जनसेवक जनसेवा के आड़ में खुलेआम गुंडागर्दी करने पर उतारू हो चुके हैं और इनके गुंडागर्दी का असर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भी दिखाई दे रहा है। सनद रहे किसी महान राजनीतिज्ञ शख्स ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले राजनीतिक दल के लिए दामन पर लगा हुआ दाग और चेहरे पर मक्कारी और बेईमानी का झाग अच्छा नहीं माना जा सकता है। अतः राजनीतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले हर राजनीतिक दल को इस संदर्भ में विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि समाज के भीतर उनकी छवि बेहतरीन तरीके से बनी रहे, लेकिन जब मक्कार, बेईमान,चोर उचक्के, बदमाश, लूटेरे और अपराधी सब मिलकर राजनीति की गाड़ी को डबल इंजन वाली रफ्तार से चलाने की बात करेगें तब ऐसे में उस गाड़ी पर सवार सभी यात्रियों को अपनी जान माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वंय लेना ही उचित जान पड़ती है। बहरहाल बीजापुर जिले के युवा जांबाज पत्रकार मुकेश चंन्द्राकर के हत्या से छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की भी रूह कांप उठी है और कांपती हुई रूह से भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय एक बार फिर सूबे में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की दलील ठोंक दिए हैं। बता दें कि इससे पूर्व कांग्रेस पार्टी की सरकार के सर्वेसर्वा मुखिया भूपेश बघेल ने भी कुछ इस तरह से अपने शासन काल के दौरान प्रत्रकारो के समक्ष तूर्रा छोड़ने का काम किया था, लेकिन हकीकत के धरातल पर जीरो बट्टा सन्नाटा.....