छत्तीसगढ़ धमतरी...प्रदेश सहित जिले में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति खतरे के नीचे हो गई है धीरे धीरे सारी व्यवस्था है पटरी पर आ गई है लेकिन गांव-गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार के बंद होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं पर काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है क्योंकि लगभग 70 दिनों से बंद बाजार लोगों के दैनदिनी उपयोग का प्रमुख केंद्र बिंदु था इसलिए उक्त बाजारों को खोलने की मांग नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जय हिंदुजा तथा युवा मोर्चा कोषाध्यक्ष देवेश अग्रवाल द्वारा जिला दंडाधिकारी(कलेक्टर) श्री एल्मा से की गई है श्री शर्मा ने कहा है कि बरसात से पूर्व गांव में सप्ताहिक बाजार का वहां के आम निवासियों के जीवन यापन करने के लिए जीवन उपयोगी वस्तुओं की खरीदी हेतु महत्वपूर्ण माध्यम होता है लेकिन पिछले अप्रैल माह से बंद बाजारों के कारण ग्रामीण अर्थ व्यवस्था गड़बड़ा गई है इसलिए संक्रमण की दर 2% खतरे के नीचे हो जाने से लॉकडाउन प्रोटोकॉल के तहत सप्ताहिक बाजार को जनहित में प्रारंभ किया जा सकता है वही जय हिंदुजा ने पिछले काफी दिनों से लागू लॉकडाउन के चलते व्यवसायिक गतिविधियों पर विराम लग जाने से अर्थव्यवस्था में व्यापारी गण काफी मंदी के दौर से गुजर रहे हैं छत्तीसगढ़ की संस्कृति में गांव के साप्ताहिक हाट बाजार का विशेष महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए आर्थिक गतिविधियों के सफल संचालन तथा मंदी से उबरने के लिए अविलंब गांव गांव विशेषकर वनांचल नगरी विकासखंड क्षेत्र के गांवों में लगने वाले हाट-बाजार जिसमें सारी जीवनउपयोगी वस्तुओं की उपलब्धता एक साथ ,एक स्थान पर हो जाता है ऐसी सुगम व्यवस्था को पुनः संचालित करने अविलंब आवश्यक पहल की जाए क्योंकि लॉकडाउन में सिर्फ उक्त व्यवसयिक गतिविधियों संचालन ही वंचित है। देवेश अग्रवाल ने बताया है कि रोजगार मूलक कार्यों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे सफल माध्यम है सप्ताहिक बाजार इसलिए रोजगार सृजन करने तथा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संक्रमण के गिरते निम्नतम ग्राफ के बीच उक्त बाजारों को खोलने का अब सर्वाधिक उपयुक्त समय आ गया है।
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भाजपाइयों ने की सप्ताहिक बाजार खोलने की मांग ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है बाजार ,आर्थिक गतिविधियों के संचालन से मंदी का असर होगा कम..