समाज के हर मुखिया को अपने नजदीकी रिश्तेदारों से काफी सचेत रहना चाहिए क्योंकि अक्सर देखा गया है कि समाजिक मुखिया के नजदीकी रिश्तेदार और जान पहचान के लोग ही उनकी समाजिक नैया को डूबाने का काम करते हैं। इसलिए हर समाजिक कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के लिए जानकारी ही बचाव है और बचाव ही सुरक्षा है। अतः सावधान रहें सचेत रहें
धमतरी साहू समाज के जिला अध्यक्ष श्री मान फलाना राम साहू जी के नाम पर उनके एक नजदीकी रिश्तेदार जो कि बालोद जिला के राजनीतिक रण भूमि गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत सरकारी कर्मचारी रहते हुये अपने ढेर साला का समाजिक हुनक और रूतबा दिखा कर शादी का झाँसा देते हुए एक साहू समाज के ही पिडित बेटी को धकेल दिया वैश्यावृत के दलदल में। बावजूद इसके पिडित युवती आज भी इंसाफ के दरकार में जगह जगह अपनी हाथ पैर चलाने के लिए विवश हो चली है। शादी टुटने की वजह से एक तो पहले से ही पिडित युवती परेशान हो चली थी। इस बिच कुछ दिन पहले पिडित युवती को उक्त सरकारी कर्मचारी ने अपने गुरूर स्थित मकान में बुलाकर पिडित लड़की के साथ सामुहिक दुष्कर्म करने की भी जानकारी प्राप्त हुई है। जरा सोचिए जब समाज के भीतर मौजूद मुखिया के घरों में कलजूग के रावण मौजूद हो तब सार्वजनिक जगहों पर रावण जलाने का क्या औचित्य है। दरअसल धमतरी जिला के एक बेटी को शादी के कुछ साल बाद उसके पति ने छोड़ दिया और छोड़ें जाने के बाद से वह लगातार अपने पति से अपने साथ हुई नाइंसाफी की लड़ाई अकेली लड़ रही है। वैसे भी पति की ठुकराई हुई बेटी का कोई सहारा नहीं होता है सिवाय मां बाप और समाज के, लेकिन जब समाज के भीतर मौजूद समाज सेवक ही रक्षक होने के जगह भक्षक निकल जाये तब क्या कहा जा सकता है स्वयं विचार करें।
अय्यास किस्म के करोड़पति सरकारी कर्मचारी हर क्षेत्र में भंयकर मास्टरमाइंड है, अय्याशी के लिए विगत कई वर्षों से लगातार बाहर से गुरूर में लकड़ी बुलाकर गुलछर्रे उड़ता है। सोसल मीडिया के जरिए लड़कियों और औरतों को झांसा देता है। वहीं अपने अय्याश साथियों को भी लड़कियां मुहैया करवाता है।
दरअसल नशे का आम जन मानस के मध्य व्यापक असर होने के चलते समाज के भीतर सदियों से चली आ रही वैचारिक आचरण अब समाप्त होने की दिशा में तेज गति के साथ आगे कदम बढ़ा चुकी है और नशे के प्रभाव से समाज के भीतर अनगिनत समाजिक संतुलन में भिन्नता देखी जा रही है। इस बीच सवाल यह भी उठता है कि आखिरकार जब नशे में सोज बाय राम का नाम लेना संभव नहीं हो सकता है तो फिर राम के नाम पर मेरा ही निकलेगा जाहिर सी बात है? अवगत हो कि बलात्कार से ताल्लुक रखने वाले ज्यादातर मामले में आरोपी सख्त पिडित के नजदीकी रिश्तेदार या परिचित एवं निजी जानकार ही शामिल होते हैं। ऐसे में धमतरी जिला और बालोद जिला से ताल्लुक रखने वाला यह मामला एक बेटी के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मामले की गंभीरता को समझते हुए गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत सत्ता धारी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले एक जिम्मेदार नेता ने इस घटनाक्रम के सबसे बड़े कथितरूप से गुनाहगार सरकारी कर्मचारी को अपने अंदाज में सबक सिखाने की बात कही है। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि आखिरकार इस मामले में पिडित युवती को आगे आने वाले दिनों में आरोपी सरकारी कर्मचारी के किये हुए करतूतों के आधार पर धर्म और इंसाफ के तराजू के हवाले से न्याय मिलती है अथवा नहीं।