कांकेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र के यशस्वी और लोकप्रिय सांसद माननिय भोजराज नाग जी ( लींबू मिर्च कांट कर भ्रष्ट अधिकारियों की भूत भगाने वाले बैग्गा महराज जी) बिते कल बालोद कलेक्टोरेट कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य के लोक निर्माण, नगरीय निकाय एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक उप मुख्यमंत्री माननीय श्री अरुण साव जी के द्वारा ली गई थी उक्त बैठक में कांकेर सम्मानिय सांसद भोजराज नाग जी ने अपनी गरीमामय उपस्थित को दर्शाते हुए अपने संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया था और इस दरमियान बैठक में सांसद महोदय जी ने आम जनता से जुड़े हुए मूलभूत सुविधाओं को लेकर सभी अधिकारियों को इमानदारी के साथ काम करने का निर्देश दिया है। बता दें कि जूम्मा जूम्मा कुछ दिन पहले ही कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग अर्थात साक्षात लीबूं मिर्च धारी वाले बैग्गा महराज जी ने लोक निर्माण विभाग से संबंधित सड़क निर्माण से ताल्लुक रखने वाले ठेकेदार को फोन पर दरमादचो कहते हुए उक्त ठेकेदार का तत्काल वंही पर लींबू मिर्च कांट दिया था। संबंधित घटनाक्रम से जुड़े हुए मामले को लेकर काफी चर्चा सुर्खियों के बजार में आम आदमी को उस समय सुनने व देखने को मिला था। किंतु जिस तरह से बैग्गा महराज जी ने लींबू मिर्च कांट कर घटिया निर्माण कार्य करने वाले भ्रष्टाचारी ठेकेदार का सतौरी बजाया था उसकी चर्चा आज भी लोगों की जुबान पर छाई हुई प्रतीत नजर आती है।
बहरहाल संयुक्त जिला कार्यालय बालोद के अंदर कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग और छत्तिसगढ़ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरूण साव जी के साथ जिला में पदस्थ रहने वाले सभी आला अधिकारियों के साथ में आम जनता से जुड़े हुए विषयों को लेकर गंभीरता पूर्वक बैठक होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस बैठक में भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए उप मुख्यमंत्री अरूण साव और कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग जी के द्वारा ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से चर्चा की गई है और इस दौरान माननीय मंत्री जी के द्वारा निर्देश दिया कि किसी को भी पेयजल की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हालांकि इस दरमियान संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रण भूमि गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवकोट में निवासरत ग्रामवासीयों को पानी लेकर आ रही समस्याओं पर बिफरते हुए उप मुख्यमंत्री अरूण साव और कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग ने कहा है कि आखिरकार ग्रामीणों को पानी क्यों और किसलिए उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। जिला में पदस्थ आला अधिकारियों को अपनी जवाबदेही को सुनिश्चित करते हुए ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए ताकि जनता को अधिक से अधिक लाभ मिल सके यदि सरकारी नौकरशाहो के द्वारा लापरवाह रवैया अपनाया गया तो अधिकारी स्वंय पर कार्यवाही करवाने हेतू बाध्य रहेंगे।
मामले को लेकर पूरे क्षेत्र में गुरूर तहसीलदार की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़ा किया जा रहा हैं। चूंकि घटनाक्रम की पुरी जानकारी होने के बावजूद ग्रामीणों को अबतक पानी की एक बुंद नशीब नहीं हुआ है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बालोद जिला प्रशासन गुरूर तहसीलदार हनुमत श्याम की भूमिका को लेकर क्या रूख अख्तियार करता है। लोगों की मानें तो भाषणबाजी के शौकीन तहसीलदार साहब की भूमिका की जांच पड़ताल होना चाहिए ताकि उनके अवैध इट भट्टो पर दौरा करने का कारण पता चल जाये क्योंकि तहसीलदार साहब के इन इट भट्टो पर आने जाने में इस्तेमाल की गई समय और संसाधन आम आदमी की मेहनत और पसीने की काठी कमाई का बताया जा रहा है। बता दें कि उक्त घटनाक्रम को लेकर गुरूर तहसीलदार हनुमत श्याम साहब के द्वारा कोटवारी सेवा भूमि पर जारी प्रतिबंधित इट भट्टा को लेकर महज इट भट्टा संचालक और जमीन मालिक को तहसील कार्यालय में तलब करते हुए कागजी कार्यवाही तक ही खुद को और कार्यवाही को सीमित रखा हुआ है, जबकि गांव के गरीब लोग आज भी बुंद बुंद पानी के लिए तरस रहे हैं।@विनोद नेताम की कलम से...

