"ग्राम पंचायत खर्रा की उपजाऊ जमीन पर बनवारी भाई ने बनाया गोंलेन्दा का बनाया ताजा बीज तो वंही सट्टेबाजी के जरिए उत्तम भी बनने चला सर्वोच्च"
बता दें कि ग्राम पंचायत खर्रा की सरपंच रह चुकी श्रीमती राधिका साहू ने अपनी ओर से तरह तरह की भांटा का फसल लगाने हेतू अपने गांव के अंदर मौजूद सभी किसानों को प्रेरित किया था किन्तु अचानक से बनवारी भाई के चलते ग्राम पंचायत खर्रा के अंदर मौजूद रहने वाले किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन पर गोलेन्दा भांटा की खेती को बढ़ावा दे दिया है।
गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र की उपजाऊ माटी में अवतरित ग्राम पंचायत खर्रा की पावन भूमि एक बार फिर चर्चा के बाजार में सुर्खियां बनकर शामिल होने की कगार पर पहुंच चुकी है। दरअसल बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत खर्रा के अंदर मशहूर गोलेंदा भांटा जो कि इन दिनों बड़े चाव के साथ अमटहा मही में खाया जाता है और उसी गोलेंन्दा भांटा की एक महशूर प्रजाति ग्राम पंचायत खर्रा की उपजाऊ भूमि पर काफी मशहूर हो चुकी है। परिणामस्वरूप गांव के अंदर मौजूद बनवारी भाई बकायदा खर्रा की इस मशहूर गोलेन्दा भांटा की प्रचार प्रसार में लगे हुए अक्सर दिखाई देते हैं। हालांकि इन दिनों विश्वनिय सूत्रों के हवाले से जानकारी प्राप्त हुई है कि बनवारी भाई के द्वारा की जा रही लगातार प्रचार और प्रसार के चलते खर्रा की बाड़ीयों में पाई जाने वाली गोलेंदा भांटा में बीज पड़ गया है। इस बीच कयास यह लगाया जा रहा है कि

आगे आने वाले दिनों के अंदर बनवारी भाई का बीज ग्राम खर्रा की उपजाऊ भूमि पर मौजूद हर भांटा बारी की गोंलेन्दा भांटा विधी विधान पूर्वक रोपित करने मे सफलता हासिल करेगा। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि क्या ग्राम पंचायत खर्रा की उपजाऊ जमीन पर मौजूद हर भांटा बारी सिर्फ गोलेन्दा भांटा की ही खेती करना चाहेगा अथवा नहीं। हालांकि खर्रा पंचायत की गोलेन्दा भांटा अपने आप में काफी मशहूर है,किन्तु बताया जा रहा है कि बनवारी भाई का लक्ष्य खर्रा के हर बाड़ी के अंदर उनका ही बीज से भांटा उत्पन्न करने की है।