आखिरकार अवैध सट्टा और शराब ने डूबा ही दी लूटिया
क्या जोगिया तलाब की धांधली ने कांग्रेस पार्टी की सत्ता को नगर पंचायत गुरूर के अंदर से पूरे लोकतांत्रिक विधी विधान पूर्वक उखाड़ फेंका है? आखिरकार क्यों न माना जाए कि अवैध शराब और सट्टा ने एक बेहतरीन युवा नवजवान को नगर पंचायत गुरूर की सेवा करने से पहले ही रोक दिया है? क्या नगर पंचायत गुरूर के जनता ने अपने साथ हुई ज्यादतियों का बदला नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हरा कर पूरा कर लिया है?
संसार के बड़े बड़े महापुरुष कह गए हैं कि किसी भी समाजिक जीवन जीने वाले समाजिक व्यक्ति को समाज के प्रति जवाबदेह बना हुआ दिखाई देना बहुत आवश्यक है,क्योंकि समाज के प्रति किसी भी समाजिक व्यक्ति की गैर जवाबदेही कभी भी कितनी भी बड़ा ओहदेदार क्यों न हो नुकसान पहुंचा सकता है। आधुनिकीकरण के इस दौर में जहां एक ओर बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रूपैया माना जाता है बावजूद इसके समाज के अंदर एक समाजिक मर्यादा हर समाजिक व्यक्ति के लिए बहुत मायने रखता है। ऐसे में जाहिर सी बात है यदि किसी व्यक्ति को समाज के भीतर मौजूद अन्य लोग चोर और लूटरे कह कर संबोधित करें तो यह अच्छी बात नहीं होगी। अतः सदगुरु कबीर दास जी कहते हैं कि कबिरा खड़ा बजार में, सबकी माँगे खैर। ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर॥ अर्थात संसार के सभी व्यक्ति को अपनी समाजिक मर्यादा का पालन करते हुए न किसी से ज्यादा दोस्ती और न ही किसी से अधिक बैर रखते हुए समाज के भीतर आचरण प्रस्तुत करते हुए समाज के भलाई हेतू समाजिक जीवन जीने का हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि उन पर कोई उंगली वाला डाक्टर तक उंगली न कर सके।
अब न साहिबो बदल के रहिबो जैसे बुलंद नारों के बलबूते भाजपा ने बदला नगरीय निकाय चुनाव परिणाम का समीकरणछत्तीसगढ़ राज्य के अंदर हाल के दिनो मे संपन्न हुये नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार के लिए बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है और इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाद अब की बार 75 पार कहते हुए दिखाई देने वाले सभी पंजाछाप वालों की सबसे बड़े हार के तौर पर देखा जा रहा है। इस हार के चलते न सिर्फ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दिपक बैंज की दिपक बुझ चुकी है बल्कि कका तक को पाटन क्षेत्र के विधायक होने के बावजूद अचानक पंजाब सिफ्ट कर दिया है, जबकि हकीकत के धरातल पर मंजर चिख चिख कर बंया कर रहा है कि भूपेश बघेल की पाटन से तीस साल का राज खत्म होने कगार पर पहुंच राहा है। सनद रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजनीति का वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी कुसल राजनीतिक नेतृत्व के दम पर भारतीय जनता पार्टी की रमण सिंह सरकार को प्रदेश की सत्ता से बाहर कर दिया था किन्तु सत्ता मिलने के बाद पांच साल के अंदर ही भूपेश बघेल की लोकप्रियता उनके अपनों के बीच में इस कदर बन जायेगी यह कभी किसी ने सोंचा नहीं था।