गौरतलब हो कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की नजर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की परिणामों पर टिकी हुई बताई जा रही है। इस बीच सूबे में कुछ जगहों पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुका हैं तो वंही अब भी कुछ और जगहों पर चुनाव होना फिलहाल बाकी है और बांकी रहने वाले जगहों में बालोद जिला के अंदर मौजूद सियासी सरजमीं से ताल्लुक रखने वाले कई हिस्सा शामिल है। विशेष रूप से संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र और गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र का नाम स्पष्ट नजर आ रहा है।
अलबत्ता इन जगहों पर बकायदा राजनीतिक मैदान चुनावी अखाड़ा के रूप में तब्दील दिखाई जान पड़ रहा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवार निकाय चुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए और ज्यादा मेहनत करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो वंही सत्ताधारी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले तमाम उम्मीदवार विष्णुदेव साय की सुशासन के दम पर वोट मांगते हुए नजर आ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि आगे आने वाले दिनों में चुनाव परिणाम क्या रहता है।
आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाले युवा इंजिनियर शैलेन्द्र सोरी की सोच और विचारों से गदगद हो रहे हैं आम मतदाता, शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार हेतू लगातार बेहतरीन काम करने की इच्छा रखते हैं बालोद गहन पंचायत के माटी पुत्र शैलेन्द्रसोरी
आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाले युवा इंजिनियर शैलेन्द्र सोरी की सोच और विचारों से गदगद हो रहे हैं आम मतदाता, शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार हेतू लगातार बेहतरीन काम करने की इच्छा रखते हैं बालोद गहन पंचायत के माटी पुत्र शैलेन्द्रसोरी
जिला पंचायत क्रमांक 14 के अंतर्गत कांग्रेस पार्टी से जितेन्द्र यादव इकलौता चुनावी मैदान पर भारतीय जनता पार्टी के दो स्वतंत्र उम्मीदवारों से मुकाबला करने हेतू डटे हुए दिखाई दे रहे है। वंही दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार के रहते हुए सत्ताधारी राजनीतिक दल से दो स्वतंत्र उम्मीदवार जिला पंचायत क्रमांक 14 से उम्मीदवारी करते हुए चुनावी मैदान पर पूरे दमखम के साथ देखे जा सकते हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के मुकाबले दो भाजपाई जिला पंचायत उम्मीदवारों को एक साथ समर्थन देना किसी भी सत्ताधारी राजनीतिक दल के लिए एक बड़ा ही प्रश्न वाचक चिन्ह माना जा सकता है, लेकिन जिस तरह से सामान्य सीट से भाजपा ने एक आदीवासी युवा नवजवान इंजिनियर शैलेन्द्र कुमार सोरी को अपना मनपसंद उम्मीदवार माना है यह किसी चुनावी ब्रम्हात्र से कम नहीं है।
क्या संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा की कम चुनाव प्रचार के चलते और विवादित पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा के चुनावी प्रचार के चलते कांग्रेसी पार्टी की बिगड़ रही है लगातार समीकरण 
तेजराम साहू की अपेक्षा ज्यादातर भाजपाई कार्यकर्ता आदीवासी इंजिनियर शैलेन्द्र सोरी को जीताने हेतू जिला पंचायत क्रमांक 14 की सियासी सरजमीं पर कमल खिलाने हेतू मताते हुए गली गली में देखें जा रहे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के स्वतंत्र उम्मीदवार तेज राम साहू का नामोनिशान तक जिला पंचायत क्रमांक 14 में दिखाई नहीं दे रहा है,जो कि तेज राम साहू के लिए जिला पंचायत क्रमांक 14 में एक बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है।वंही कांग्रेस पार्टी के जिला पंचायत उम्मीदवार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितेन्द्र यादव के चुनाव प्रचार में संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के विवादित पूर्व कांग्रेसी विधायक भैय्या राम सिन्हा का दिखाई देना और उसके साथ ही विधानसभा क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक संगीता सिन्हा की अपने ही उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार में समय नहीं निकालना चर्चा का विषय बना हुआ है।

तेजराम साहू की अपेक्षा ज्यादातर भाजपाई कार्यकर्ता आदीवासी इंजिनियर शैलेन्द्र सोरी को जीताने हेतू जिला पंचायत क्रमांक 14 की सियासी सरजमीं पर कमल खिलाने हेतू मताते हुए गली गली में देखें जा रहे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के स्वतंत्र उम्मीदवार तेज राम साहू का नामोनिशान तक जिला पंचायत क्रमांक 14 में दिखाई नहीं दे रहा है,जो कि तेज राम साहू के लिए जिला पंचायत क्रमांक 14 में एक बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है।वंही कांग्रेस पार्टी के जिला पंचायत उम्मीदवार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितेन्द्र यादव के चुनाव प्रचार में संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के विवादित पूर्व कांग्रेसी विधायक भैय्या राम सिन्हा का दिखाई देना और उसके साथ ही विधानसभा क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक संगीता सिन्हा की अपने ही उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार में समय नहीं निकालना चर्चा का विषय बना हुआ है।