त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से ठीक पहले भाजपा नेता दुर्गानंद साहू ने मौका देखकर मारा चौंका, जनपद पंचायत गुरूर के उपाध्यक्ष के पुराने आडियो और खबर को सोसल मीडिया में वायरल करते हुए उठाया सवाल। आखिरकार जनता की मेहनत और पसीने की कमाई के पैसे पर कमीशन खाने का अधिकार किसे है? क्या क्षेत्र के नेताओ को सफेद कपड़े के अंदर मौजूद खिसा में हराम के कमाई रखना कबूल है? बजाय मेहनत और पसीने की कमाई हुई पैसों के ! आखिरकार क्यों लोगबाग नेतागिरी के आड़ में बालोद जिला की इस पावन सरजमीं को बदनाम करने में जुटे हुए हैं?गुरूर जनपद पंचायत के अंदर सालों से चली आ रही भ्रष्टाचार की पंरपरा पर करारा प्रहार, कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में हुआ क्षेत्र के अंदर मौजूद ज्यादातर ग्राम पंचायत में खुले आम लूट मार, किन्तु जांच के नाम पर कोई कार्यवाही नहीं। नतिजतन आज भी बालोद जिले के गुरूर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में विधायक के करीबी आरोपी टाईप के ठेकेदार सरकारी निर्माण कार्यों में जम कर रहे हैं धांधली ..."पुराने वारयल आडियो और खबर के जरिए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नेता दुर्गानंद साहू ने कांग्रेस पार्टी के कद्दावर और वरिष्ठ नेताओं में शुमार पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के भतीजे तोषन साहू जो कि वर्तमान समय के दौरान गुरूर जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के गरीमामय पद पर आसीन हैं उन्हें कथित तौर पर कोराना काल के समय सेनिटाइजर मशीन में कमीशनखोरी के मामले में एक बार फिर लपेट लिया है,किन्तु बालोद जिला के अंदर राजनीतिक रणभूमि की पावन धरा के तौर पर मशहूर गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र में कमीशनखोरी की यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी से जनपद पंचायत गुरूर के अध्यक्ष रह चुकी डामेश्वरी साहू का एक ठेकेदार से सरकारी निर्माण कार्य को लेकर कमीशन मांगने का आडियो हो चुका है वायरल"
@विनोद नेताम ( गब्बर सिंह)
कलजुग का यह दौर निश्चित रूप से बड़ा ही निर्मोही है। कहता कुछ और है और करता कुछ और ही है और बाद में दिखता कुछ और है। बावजूद इसके कुछ लोग इस भयानक दौर को अमृतकाल का युग मानकर चलते हुए दिखाई देते हैं। हालांकि इस दौर का सबसे बड़ा खतरनाक सत्य यह बताया जाता है कि यंहा पर न तो बाप बड़ा है और न ही भैय्या बड़ा है बल्कि सबसे बड़ा गांधी बाबा वाला रूपया है। ऐसे में जाहिर सी बात है लूट सके तो लूट ले, गांधी बबा नाम की लूट, पाछे फिर पछताओगे,प्राण जाहि जब छूट वाली कहावत ज्यादा चरितार्थ है। शायद इसलिए चंद चतुर लोग न खाऊंगा और न खाने दूंगा कहते हुए चंदा के जरिए पूरा भंडार धंधा करके लूट लेता है। गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ राज्य की सरजमीं पर कुछ दिन बाद जल्द ही पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव संपन्न होने वाला है और इसके लिए सरकार ने चुनाव संबंधी आरक्षण की घोषणा बकायदा कुछ दिन पहले कर दिया है। हालांकि चुनाव कब और किस तारीख में होगा यह फिलहाल तय नहीं है, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस मामले में फैसला लेते हुए चुनाव की तारिखो का ऐलान कर देगा। इस बीच चुनावी आरक्षण के घोषणा होने के बाद से पूरे प्रदेश के अंदर राजनीतिक हलकों में सरगर्मीयां तेज हो चली है। इन तेज सरगर्मियों की खुमारी बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। जंहा पर सत्ताधारी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखने वाले जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के ऊपर लगे हुए सेनिटाइजर मशीन की कमीशनखोरी को लेकर सवाल उठाया है। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने कांग्रेस पार्टी शासनकाल के दौरान घपला और कमीशनखोरी करने वाले सभी घपलेबाजों को उल्टा टांगकर हवा में लटकाने का नारा बुलंद किया था और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता का यह सवाल खड़े करना निश्चित रूप से कई सवालों को जन्म देता है। बहरहाल इस मामले को लेकर आगे यह देखना है कि आखिरकार ऊंट किस करवट बैठता है।