अडानी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बीच हुए बैठक के बाद पूरे प्रदेश भर में कानाफूसी का दौर जारी, विपक्षी राजनीतिक दल के नेताओ ने इस बैठक को लेकर उठाए सवाल तो, वंही सूबे की जनता ने कहा यह पल भारी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गौतम अडानी के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक, बिजली व सीमेंट संयंत्रो के विस्तार के लिए 65 हजार करोड़ रुपए का होगा निवेश।Raipur desk@vinod netam (Gabbar Singh)...
छत्तीसगढ़ महतारी की छाती को चीर कर कोयला बेंच खाने की अपार सफलता के बाद अब अडानी समुह की नियत सूबे के अंदर मौजूद बिजली और सीमेंट संयंत्रो पर भी टिकी, लेकिन याद रहे इससे पहले अडानी समुह के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंदर बड़ी रकम खर्च करने का वायदा किया गया था और इस खाका के तहत हसदेव अरण्य काण्ड को सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाने का काम किया गया है। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि इसके लिए अडानी समुह को सूबे के कई सफेदपोश वर्दी धारी नेताओं ने अपनी जमीर बेच कर निजी फायदे के लालच में इस काण्ड की सुनियोजित तरीके से फायदा पहुंचाने का कारनामा किया है। बहरहाल इस काण्ड के चलते सैकड़ों इंसानों और वन्यजीव का भंयकर नुकसान हुआ है और इस नुकसान की भरपाई आजतक संभव नहीं हो पाया है। ऐसे में फिर से अडानी समुह और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के नये अनुबंध को लेकर सवाल उठना लाजिमी बात है। बता दें कि अडानी समुह के द्वारा हसदेव अरण्य की सरजमीं पर मौजूद जंगलों को धड़ल्ले से आम जनता के भारी भरकंप विरोध के बावजूद कांटा गया है और कांटने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। अडानी समुह के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की पावन धरा पर पहले किये गए कर्मों को ध्यान में रखकर सरकार को आम जनता की भलाई और हित में फैसला लेना चाहिए ताकि सरकार को हसदेव अरण्य काण्ड जैसी किरकिरी न झेलनी पड़े। वैसे भी अडानी समुह को लेकर इन दिनों देश और दुनिया भर के अंदर तरह तरह की खबर चल रही है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार का अडानी समुह को भंयकर विवाद होने के बाद पुनः आमंत्रित करना कई सवालों को जन्म दे रहा है।