बात में एको कन तंत नई हे तभो ले चारों डाहर राम कथा जारी है, वंही दुसरी ओर कुकूर व्यथा का कूद कूद के नजारा, धर्म और राजनीति दोनों ही अलग-अलग चीजें हैं इसका मिश्रण किसी भी समाज के लिए सही नहीं माना गया है। किंतु अमृतकाल के इस दौर में ज्यादातर नेता राजनीतिक नियमों की अवहेलना करते हुए धर्म की छिंटा को राजनीति के अंदर जबरदस्ती उड़ेलने का संकल्प लेकर राजनीति करने में तूले हुए दिखाई दे रहे हैं और इस कड़ी में लगभग सभी राजनीतिक दल के नेता शामिल हैं यह कहा जाए तो कोई ग़लत नहीं माना जा सकता है।
Top Bharat Desk @ विनोद नेताम (Gabbar Singh)
भगवान श्री राम चंद्र जी को जानने और मानने वाले लगभग सभी लोग छत्तिसगढ़ प्रदेश की पावन भूमि को उनका ननिहाल मानकर चलते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग तीन करोड़ अवाम इस बात को लेकर सदैव गौरवान्वित महसूस किया है कि उनकी मातृभूमि का नाम भगवान श्री राम चंद्र जी के साथ न सिर्फ जुड़ा हुआ है बल्कि भगवान श्री राम चंद्र जी का छत्तीसगढ़ राज्य की इस पावन सरजमीं पर नेरवा गड़ा हुआ है। भगवान श्री राम चंद्र जी का प्रदेश के भीतर नेरवा गड़े होने के चलते छत्तीसगढ़ राज्य का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है और शायद इसलिए राज्य में देखा जाता है कि भगवान श्री राम चंद्र जी को भांचा मनाने की पंरपरा कलजुग के इस अमृतकाल के दौर में भी बरकरार हैं। यंहा पर मौजूद रहने वाले लगभग आम जन मानस अपने भांजे और भांजीयो को भगवान श्री राम चंद्र जी के तरह ही मानते हुए उनका ढोकर ठोकर के चरण स्पर्श करते है और भगवान श्री राम चंद्र जी के तरह ही उनकी सम्मान में सर झुकाते है। इस बीच बिते कुछ वर्षों के दौरान भगवान श्री राम चंद्र जी से जुड़े हुए ऐतिहासिक जगहों को चिन्हांकित कर उस जगह को प्रभू श्री राम चंद्र जी से जुड़े हुए धार्मिक स्थलों में परिवर्तित करने का काम किया गया है। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य के भांजें भगवान श्री राम चंद्र जी से जुड़े हुए ज्यादातर धार्मिक स्थलों को सजाने और संवराने का काम कांग्रेस पार्टी के पूर्वति सरकार ने कर दिखाया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राम गमन पथ को लेकर पूरे सूबे अंदर जागरूकता देखी गई थी लेकिन भगवान श्री राम चंद्र जी की कृपा कांग्रेस पार्टी की मौजूदा सरकार को दोबारा सरकार बनाने के लिए नहीं बरसी लिहाजा इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव साय सरकार की मौजूदगी हर कण में व्याप्त है। हैरानी की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए ज्यादातर नेता खुद को भगवान श्री राम चंद्र जी के प्रति खुद को समर्पित मान कर चलते है किन्तु विपक्ष में बैठेंने वाले कांग्रेसी नेताओं को छत्तीसगढ़ प्रदेश की इस सरजमीं पर लंका काण्ड से ताल्लुक रखने वाले किरदारों से मेल कराते हुए उन्हें समाज के भीतर बदनाम करने की कवायद को अंजाम देने से बाज नहीं आते हैं। भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखने वाले हर रामजादो को इस तरह की घटिया राजनीतिक हरकतों से साफ बचना चाहिए ताकि समाज के भीतर धार्मिक और राजनीतिक विचारधारा की समरसता बरकरार रहे। चूंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश की पावन धरा प्रभू श्री राम चंद्र जी का ननिहाल है लिहाजा यंहा पर जन्म लेने वाले हर इंसान का संबंध भगवान श्री राम चंद्र जी के साथ मामा और भांजा वाला है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखने वाले नेता भी छत्तीसगढ़ प्रदेश है और वे भी भगवान श्री राम चंद्र जी के मामा हैं न कि लंका काण्ड से ताल्लुक रखने वाले लंका के राक्षस।