एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने मुखारबिंद से ओबीसी समुदाय के लिए बड़ी तरफदारी करते हुए दिखाई देती है लेकिन हकिकत के धरातल पर फैली हुई मंजर भारतीय जनता पार्टी की ओबीसी विरोधी होने की चिख चिख कर गवाही देने पर उतारू हो रही है, हालांकि भाजपा के अंदर मौजूद ज्यादातर नेता ओबीसी समुदाय से ही ताल्लुक रखने वाला बतायें जाते है किन्तु यह भी सवा आना सत्य है कि भाजपाईयों की ज्यादातर रिती और निती बनिया और ब्राह्मणों की बनाई हुई बुनियाद पर टिकी हुई है। ऐसे में देश के अंदर मौजूद ज्यादातर जातियां पिछली,दलित, आदीवासी और ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली हैं और इस बख्त देश के साथ ज्यादातर राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार मौजूद हैं।@ विनोद नेताम (गब्बर सिंह) कलम से क्रांति जारी है......
छत्तीसगढ़ पंचायत संचालनालय की इस सूची को देखने पर यह स्पष्ट होता है कि अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अनारक्षित वर्ग के लिए तो सीटें निर्धारित हैं, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या ओबीसी वर्ग केवल ताली और घंटा बजाने के लिए रह गया है? जबकि लोकतंत्र में हर वर्ग को सामन रूप से प्रतिनिधित्व देने की बात कही जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा प्रसारित की गई यह सूची दर्शाती है कि ओबीसी के लिए उनके हक और अधिकार के मुताबिक किसी भी सीट का आवंटन नहीं किया गया है।
सवाल यह भी है कि क्या ओबीसी वर्ग की जरूरतें और अधिकार अब हाशिये पर रखे जा रहे हैं? ऐसे निर्णय सामाजिक समरसता के आदर्शों को ठेस पहुंचाते हैं और एक बड़े वर्ग को हतोत्साहित करते हैं। सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि हर वर्ग को समान अवसर मिले और लोकतंत्र का मूल उद्देश्य पूरा हो सके। बहरहाल इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश के अंदर राजनीतिक तूफान खड़े होने का सौ फिसदी आसार बनी हुई दिखाई दे रही है। गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मौजूदा पाटन विधायक भूपेश बघेल ने विष्णुदेव साय सरकार की नियत पर गंभीरता से सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाये है और ओबीसी समुदाय से अनुरोध किया है कि समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सभी लोग अपनी हक और अधिकारों के लिए जागरूक बने रहे। वंही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोप को भारतीय जनता पार्टी के नेता घटिया राजनीति का हिस्सा बताते हुए उन्हें विचार करने की सलाह मुफ्त में देते हुए दिखाई दे रहे हैं।