बालोद : गौरतलब हो कि भ्रष्टाचार की खात्मा को लेकर जमीनी धरातल पर सरकार के द्वारा आमतौर पर हर बार बड़े बड़े तूर्रा छोड़े जाने का चलन राजनीतिक पृष्ठभूमि की एक अट्टू सच्चाई बन चुकी है। बावजूद इसके भ्रष्टाचार रूपी दिमक देश के हर कोना कोना में फैलकर देश को भीतर से घोघला कर रहा है। हालांकि कि राजनीतिक जमात के अंदर सियासी मैदान पर रणबांकुरों की भुमिका अदा करने वाले तमाम सफेदपोश वर्दीधारी राजनेता और नौकरशाहो की फौज संविधान और अपने अपने पवित्र ग्रंथो की सौगंध खाकर सत्य बोलने और सही कर्तव्य परायणता दिखाने का दम भरते हैं ,किन्तु हकीकत के धरातल पर जो मंजर मौजूद हैं उसकी बानगी हमारे सुधी पाठकों को भंलिभांती से पता है। अमृतकाल के इस दौर में जहां एक ओर सरकार के मुखिया का नारा न खाऊंगा न खाने दूंगा घर घर गुंजन करता है तो वंही भ्रष्टाचार का आतंक ग्राम पंचायतों के जरिए अब देश के गांवो में गुजर बसर करने वाले आम जनता को भी चूभ रहा है। वैसे भी सरकार के विपक्ष में खड़े राजनीतिक दल बिते कई सालों से भ्रष्टाचार की सफाई में कथित तौर पर इस्तेमाल होने वाली वासिंग मशीन को भंयकर तरीके से चर्चा कर रहे हैं। ऐसे में देश के मुखिया को और उनके राजनीतिक पार्टी को भ्रष्टाचार से जुड़े हुए तमाम मामलों में जनता के समक्ष बेहतरीन छवि स्थापित करना चाहिए बजाए खाली न खाऊंगा और न खाने दूंगा की दलील ठोंकने के ...
गंजीर वेल्डिंग एंड इंजीनियरिंग ने गंभीर तरीके से प्रशासन से ग्राम पंचायत बोहरा में सांसद निधि के तहत बनाई गई टिना शेड को उखाड़ने की मांगी अनुमति।
वाह रे भाई वाह पहले अर्धम फिर धर्म और उसके बाद भी नहीं आई कोई शर्म, जनता की मेहनत और पसीने की कमाई को पहले अर्धम कर उड़ाया और फिर बाद में अयोध्या जाकर धर्म दिखाया। ऐसी है बालोद जिले के संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गुरूर जनपद पंचायत कार्यालय में अधिनस्थ ग्राम पंचायत बोहरा की सरपंच व्यथा। दरअसल पंचायती राज अधिनियम के तहत किसी भी ग्राम पंचायत को पांच हजार रुपए से अधिक का भुगतान चेक के माध्यम से करना अनिवार्य होता है किन्तु ग्राम पंचायत बोहरा के सरपंच ने गंजीर वेल्डिंग एंड इंजीनियरिंग वर्क्स के शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन बालोद के द्वारा पुछे गए सवाल का जवाब प्रस्तुत करते हुए कबूल किया है कि उन्होंने पचास हजार रुपए उक्त शिकायतकर्ता कोk दिया है। विदित हो कि बालोद जिला के गुरूर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बोहरा के अंदर सांसद निधि से पांच लाख रुपए की टीना शेड निर्माण कार्य में किया गया है। निर्माण कार्य को लेकर गंजीर वेल्डिंग एंड इंजीनियरिंग वर्क्स ने जिला प्रशासन को बताया कि काम पूरा होने के बाद ग्राम पंचायत बोहरा सरपंच ने उन्हें निर्माण कार्य में लागत आने वाली राशि का भुगतान नहीं किया है। उक्त मामले को लेकर जिला प्रशासन बालोद की मानें तो ग्राम पंचायत बोहरा के खाते में टीना शेड निर्माण कार्य का राशि सांसद निधि से पांच लाख रुपए ग्राम पंचायत बोहरा को हस्तांतरित कर दी गई है। बहरहाल उक्त मामले को लेकर जनपद पंचायत गुरूर की ओर से गंजीर वेल्डिंग एंड इंजीनियरिंग वर्क्स और ग्राम पंचायत बोहरा के मध्य क्या समझौता कराई गई है, यह ज्ञात नहीं है किन्तु जिस तरह से एक ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधि ने नियम विरुद्ध तरीके से नियमों की धज्जी उड़ाते हुए कार्य किया है उस पर गंभीरता से विचार करना जिला प्रशासन बालोद की नैतिक जिम्मेदारी बनती है।