जैसा कि यह सर्व विदित हो चुका है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंदर मौजूद तमाम बड़े छोटे छुटभैय्ए नेताओं और उनके दलालों के लिए एवं कुछ रसूखदारों के लिए प्रदेश के अंदर बहने वाली नदियों की छाती में लबालब भरी हुई रेत बिते कुछ वर्षों से कमाई का एक बड़ा जरिया बना हुआ है। जाहिर सी बात है कि रेत का दाम इन दिनों आसमान पर पहुंच गया है। इस बीच नदियों की हालत प्राकृतिक रूप से तहस नहस हो चुकी है। पर्यावरणविद्दो की मानें तो यदि रेत उत्खनन का यह सिलसिला नदियों पर इसी तरह जारी रहा तो आगे आने वर्षों में नदी की पारिस्थितिकी तंत्र में काफी बदलाव आयेगा। विडंबना इस बात को लेकर है कि सभी को रेत कारोबार के जरिए पैसा चाहिए और पैसा किसे बुरा लगता है। ऐसे में इन दिनों पूरे प्रदेश के अंदर मौजूद नदियों पर बड़े बड़े मशीनों के जरिए रेत उत्खनन का खुला खेल बकायदा सरकार इजाज़त से संचालित किया जा रहा है। हालांकि इस बिच कई जगहों पर चोरी छिपे भी रेत उत्खनन करने की कवायद जारी रहने की सूचना आम जन मानस के बीच मौजूद हैं।
फुलकुंवर सिवाना सरपंच ग्राम पंचायत मंचादूर विकासखंड चारामा कांकेर जिला कांकेर छत्तीसगढ़कुमेश्वर ठाकुर ग्राम सचिव
सीधी सी बात है पैसा सबको चाहिए और पैसा किसे बुरा लगता है। ऐसे में रेत उत्खनन से मिलने वाली मोटी रकम के लिए मारा मारी होना स्वाभाविक बात है। दरअसल साय सरकार के राज में प्रदेश भर संचालित हो रहे रेत खदानों में कमाई को लेकर आए दिन वाद-विवाद और टकराहट की घटनाएं सामना रही है। आलम कुछ इस तरह हो गया है कि गांवो में रेत से होने वाली कमाई को लेकर कई गुट बन गए है। जहां वैध अवैध तरीके से रेत माफिया के कारोबार से अपनी कमाई के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। रेत के कारोबार को लेकर कांकेर जिले में आए दिन सामने आ रहे वाद विवाद का ताजा मामला चारामा इलाके के ग्राम मचांदूर से निकलकर सामने आया है। जहां गांव में रेत से होने वाली कमाई को लेकर गुटबाजी अपनी चरम पर है यदि रेत के अवैध कारोबार को लेकर शासन प्रशासन ने अगर जल्द ही कोई ठोस पहल नहीं करती है तो आने वाले दिनों में किसी दिन बड़ी अनहोनी की आशंका बढ़ चली है। मचांदूर रेत खदान में रेत उत्खनन को लेकर उपजे विवाद पर बात की जाए तो ग्राम सरपंच और ग्रामीण जानकारी देते हैं कि 11 माह के लिए चारामा कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष को रेत खदान दिया गया था लेकिन उनके द्वारा रेत उत्खनन नहीं किये जाने पर ग्राम पंचायत ने गांव के ही एक युवक को खदान आवंटित कर वर्तमान में खुद संचालित कर रही है और साथ ही गांव बेरोजगारों को रोजगार देने का काम भी कर रही है,लेकिन रेत उत्खनन पर विवाद तब गहरा जब कांग्रेस के नेता ने ग्राम पंचायत पर आरोप लगा कहा कि ग्राम पंचायत ने उनके आबंटन को गलत ढंग से निरस्त कर बाहरी ठेकेदार को दे गलत ढंग से रेत का उत्खनन किया जा रहा है साथ ही उनके निजी जमीन पर कच्ची सड़क निर्माण कर रेत परिवहन भी किया जा रहा है।
यशोदा ठाकुर भूमि स्वामीग्राम पंचायत और कांग्रेसी नेता के बीच चल रहे विवाद पर पड़ताल में अब तक जो माजरा नजर आया है जिसमें ग्रामीण ने कांग्रेसी नेता को बाहरी बता रेत खदान छूट जाने से नाराज हो गांव में बाहरी लोगों को शामिल करवा वाद विवाद का माहौल पैदा करना बता शासन प्रशासन से शिकायत कर विवाद को शांत किए जाने की मांग भी कर चुके है। वंही दूसरी तरफ कांग्रेसी नेता पर लगा रहे आरोपों पर कांग्रेसी नेता ने भी ग्राम पंचायत के आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि की पूर्व में उन्हें रेत खदान आवंटित हुआ था लेकिन कुछ लोगों ने षडयंत्रपूर्वक उनसे आवंटन छीनकर बाहरी ठेकेदार को दे उनकी लीज की जमीन पर बिना अनुमति सड़क भी निर्माण कर दिया गया है जिस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई है। रेत खदान आवंटन और निजी जमीन पर सड़क निर्माण किए जाने के मामले पर चल रहे विवाद भूमि स्वामी ने अपनी निजी भूमि बता ग्राम पंचायत को स्वेच्छा देना बता न्याय की गुहार लगाया है। ग्राम पंचायत और कांग्रेस नेता के बीच चल रहे वाद विवाद का मामला पहले ही गांव से होकर जिला और पुलिस प्रशासन तक पहुंच चुकी है जहां एक दूसरे पर आरोप लगा शिकायत दर्ज करा रेत खदान निरस्त किए जाने की मांग भी हो चुकी है। अब देखने वाली बात होगी कि रेत की कमाई को लेकर चल रहे विवाद मैं कोई विराम लगता है या आने वाला दिनों में कोई बड़ी अनहोनी की घटना सामने आ सकती है।
हेमू राम साहू ग्रामीण
ठाकुर राम कश्यप कांग्रेसी नेता