आज से कुछ साल पहले बालोद जिले के अंदर सट्टा पट्टी के जरिए अवैध सट्टा कारोबार संचालित करने वाले ज्यादातर सटोरिये लोग और खाकी वर्दी के भेष में समाज को सुरक्षा का भाव प्रदान करने वाले ज्यादातर वर्दीधारी लोग दबे जुबान से इस अवैध सट्टा कारोबार को संचालित करने के पीछे किसी कबिले का सरदार का नाम लेता था लेकिन वर्तमान परिदृश्य में कबिले के सरदार को आज भूत अंकल बताया जा रहा है।
बालोद जिले में भी सट्टा का अवैध कारोबार कांग्रेस पार्टी के शासन काल में खूब चला था लेकिन आजतलक तक बालोद जिले में अवैध सट्टा कारोबार को लेकर कोई धर पकड़ नहीं हुआ है और न अब तक कोई जांच हुआ है। हालांकि विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के हर बड़े छोटे नेता ने इस कारोबार के पीछे कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा का नाम लेकर खुलेआम राजनीतिक मंचों पर ऐलान किया था कि यदि उनकी सरकार आयेगी तो अवैध सट्टा कारोबार के जरिए गांव गरीब मजदूर और किसानों को लूटने वाले लोगों को उनकी किये करनी का फल मिलेगा। इस दौरान तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष कृष्णकांत पवार के साथ मौजूदा अध्यक्ष पवन साहू पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा का नाम लेकर खूब गरजते हुए दिखाई दिए थे लेकिन सत्ता मिलने के बाद से भारतीय जनता पार्टी के ये तमाम नेता हैरान करते हुए अपने किये वायदे से दूर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा वाकई अवैध सट्टा कारोबार में लिप्त थे तो जांच और कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है आखिरकार सत्ताधारी राजनीतिक दल के नेताओ ने तो विधानसभा चुनाव के पहले बकायदा वायदा किया था तो सरकार बनने के बाद चुप्पी क्यों? क्या भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं की दावे ग़लत थे और यदि सत्ताधारी राजनीतिक दल के नेताओ की दावे ग़लत थे तो जिला के अंदर आखिरकार अवैध सट्टा कारोबार क्या भूत अंकल आकर संचालित करता था। आखिर क्यों किसी नेता का नाम लेकर गली गली में इस तरह से ढिंढोरा पीटा गया कि वह सचमुच चोर और बेईमान हैं। सोचिए जब ईडी को अवैध सट्टा कारोबार के जरिए कमाई गई अकूत संपत्ति रायपुर और अभनपुर में मिल सकता है तो क्या गुरूर बालोद डौंडीलोहारा, दिल्ली राजहरा और जिला के तमाम शहरों में नहीं मिल सकता है क्या? सूत्रों की मानें तो पूरे जिले भर के अंदर सट्टा लिखने वाले लोगों ने ही करोड़ों रूपया कमाया है। आज के वर्तमान दौर में इस कमाई के चलते कई सटोरियों के पास आलिशान महल जैसा घर और मंहगी गाड़ियां हैं। ऐसे में सोचने वाली बात है कि आखिरकार जिला में इस धंधे को शासन और प्रशासन के निगरानी में सफल तरीके से संचालित करने वाला भूत अंकल के पास कितनी संपत्ति होगा यह एक बड़ा सवाल है।