बालोद : जब बारिश आंख मिचौली करते हुए बरसने के लिए लगातार आम लोगों को धोखा दे रही थी 'तब भी परेशानी थी, और अब जब बारिश बरसने लगी तब भी बारिश का पानी परेशानियों का सबब बना हुआ है। संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रमतरा में भरा लबालब पानी। लबालब पानी से भरे हुए ग्राम पंचायत की विकास के ढांचे को देखने के लिए उमड़े लोग।
ऐसे में एक बड़ा सवाल जब पंचायत ही सुरक्षित नहीं है तब गांव में रहने वाले आम ग्रामीणों की घरे कैसे सुरक्षित होंगे ? कहा जाता है कि भारत गांव का देश है। भारत की आत्मा गांव में बसती है। इसलिए सरकार भारत के गांवों को विकास की दिशा में आगे लाने हेतू लगातार संघर्षरत है। हर साल भारत के लगभग 250.000 ग्राम पंचायतों को ग्रामीणों के द्वारा चुने गए पंचायत सदस्यों के मार्फत विकास कार्यों हेतू लाखों रुपए आंबटित किए जाते हैं। सरकार के द्वारा आंबटित की गई पैसों से ग्राम पंचायतों को गांव के विकास और ग्रामीणों की मूल सुविधाओं का निस्तारण कार्य करना होता है,लेकिन देश में फैली गंदी राजनीति देश के चलते आज देश के असंख्य ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ चुका है।
इस कड़ी में हम लगातार बालोद जिले के गुरूर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों की स्थिति के बारे नजर बनाए हुए हैं। ज्यादातर गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र में अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों की स्थिति सही मायने में ठीक नहीं है। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का अंबार पसरा हुआ है। क्षेत्र में मौजूद ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है। विकास कार्यों में नेता से लेकर अधिकारी तक कमीशनखोरी कर रहे हैं जिसके चलते विकास कार्यों में खुलेआम धांधली हुई है और हो रही है। धांधली के चलते ज्यादातर विकास कार्यों की स्थिति दयनीय बन गई है, जबकि कमीशनखोरी करके ज्यादातर सरपंचों ने बैगर पांच साल पूरे किए बिना ही गाड़ी और बंगला बनवा लिया है। अब जब सरंपच गाड़ी और बंगला लेके फिर रहा है तब कमीशनखोरी करने वाले इंन्जियर,ठेंकेदार,बाबू, ग्राम पंचायत सचिव, सचिव के साहब, बड़े साहब और आखिर में भैय्या नेता जी ये सब क्या लेके फिरते होंगे यह भी एक बड़ा सवाल है। बहरहाल बालोद जिले अंतर्गत आने वाले गुरूर जनपद पंचायत के ज्यादातर ग्राम पंचायतों का बुरा हाल है।
इस कड़ी में हम लगातार बालोद जिले के गुरूर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों की स्थिति के बारे नजर बनाए हुए हैं। ज्यादातर गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र में अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों की स्थिति सही मायने में ठीक नहीं है। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का अंबार पसरा हुआ है। क्षेत्र में मौजूद ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है। विकास कार्यों में नेता से लेकर अधिकारी तक कमीशनखोरी कर रहे हैं जिसके चलते विकास कार्यों में खुलेआम धांधली हुई है और हो रही है। धांधली के चलते ज्यादातर विकास कार्यों की स्थिति दयनीय बन गई है, जबकि कमीशनखोरी करके ज्यादातर सरपंचों ने बैगर पांच साल पूरे किए बिना ही गाड़ी और बंगला बनवा लिया है। अब जब सरंपच गाड़ी और बंगला लेके फिर रहा है तब कमीशनखोरी करने वाले इंन्जियर,ठेंकेदार,बाबू, ग्राम पंचायत सचिव, सचिव के साहब, बड़े साहब और आखिर में भैय्या नेता जी ये सब क्या लेके फिरते होंगे यह भी एक बड़ा सवाल है। बहरहाल बालोद जिले अंतर्गत आने वाले गुरूर जनपद पंचायत के ज्यादातर ग्राम पंचायतों का बुरा हाल है।