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बाढ़ का एलर्ट जारी करने की कमी से जूझ रहा है बालोद शिक्षा विभाग। सरकारी स्कूलों में बाढ़ का पानी,अधिकारी सुना रहे हैं अलग कहानी।

सरकारी स्कूलों में भरा बाढ़ का पानी,शिक्षा विभाग बालोद ने नहीं सुनी बाढ़ और स्कूलों में जल भराव की कहानी। बाढ़ के चलते स्कूलों को बंद रखने के लिए कोई सरकारी एर्लट या फरमान नहीं। ऐसे में पालक और स्कूली बच्चे हैरान। जिला कलेक्टर फोन नहीं उठाते विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आपदा प्रबंधन विभाग पर जिम्मा ठोंक देते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार जिम्मेदारी किसकी बनती है? 


बालोद: जिला में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते खारून नदी के तट पर बसे ज्यादातर ग्राम पंचायतों की शासकीय भवन और स्कूल बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग बालोद की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किसी भी तरह का एर्लट नहीं किया गया है,जबकि शिक्षा विभाग बालोद की नैतिक जिम्मेवारी बनती है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बाढ़ और स्कूलों में पानी भराव के बाद जो स्थिति बनी हुई है 'उसके बारे में जानकारी मुहैया कराए। ताकि बच्चों को किसी भी तरह की असुविधाओं का समाना न करना पड़े। पिछले दो दिन से खारून नदी पर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। खारून नदी के तट पर स्थित ज्यादातर सरकारी स्कूलों में बाढ़ का पानी लबालब भर चुका है। बता दें कि गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत खारून नदी के तट पर बसे हुए ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पिछले कुछ सालों के दौरान बहुत सारे सड़क निर्माण कार्य किया गया है। सड़क निर्माण कार्य के दौरान निर्माण कार्यों में लगे हुए लोगों ने खारून नदी और उसकी जल की बहाव पर ध्यान नहीं दिया है। परिणाम स्वरूप भारी बारिश के चलते आई हुई बाढ़ खारून नदी की तट पर बसे गांवों में घुंस रहा है। कई ग्राम पंचायतों में स्थति बद से बद्तर हो चुकी है। बावजूद इसके जिला प्रशासन की ओर से नदी तट पर बसे ग्रामवासियों को एलर्ट नहीं किया गया है। हालांकि बाढ़ और बारिश की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन बालोद को एलर्ट रहना चाहिए,लेकिन मामले में दिखाई दे रही प्रसाशानिक सुस्ती प्रशासनिक अकर्मण्यता की ओर इशारा करता है।


 ललीत चंन्द्रकार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गुरूर : बाढ़ और स्कूलों में पानी भराव के विषय में कोई जानकारी नहीं है। बाढ़ और बारिश से बचाव करने का काम आपदा प्रबंधन विभाग बालोद का है। 

इंन्द्रजीत चंन्द्रवाल कलेक्टर बालोद : मामले में जानकारी लेने हेतू जिला कलेक्टर बालोद से संपर्क किया गया था,लेकिन कलेक्टर साहब ने फोन नहीं उठाया और न ही पुनः काल करके जानकारी लिया।


सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पालकगण : स्कूलों में पानी भर गया है। अब तक न तो कोई शिक्षक स्कूल को बंद रखने की बात कह रहा है और न ही सरकार। ऐसे में स्कूली बच्चे स्कूल जाने को लेकर और अपने पढ़ाई को लेकर चिंतित नजर आ रहे है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन को उचित पहल करना चाहिए ताकि किसी भी तरह की घटनाओं से बचा जा सके,लेकिन जिस तरह से जिला प्रसाशन निकम्मा और नकारा बनकर बाढ़ का मजा ले रहा है वह चिंता करने वाली बात है।

दुर्गानंद साहू वरिष्ठ भाजपा नेता : बारिश और बाढ़ से हो रही नुकसान को लेकर मैं चिंतित हूं। शासन और प्रशासन से मेरी विनती है कि बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों तक जरूरी मदद पहुंचायें। 

तामेश्वर साहू अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी गुरूर : बाढ़ के चलते कई ग्राम पंचायतों का जिला मुख्यालय और विकासखंण्ड मुख्यालय से संपर्क टूट रहा है। शासन और प्रशासन को गंभीरता से प्रभावित लोगों का सहयोग करना चाहिए ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उनके कार्यकता सिर्फ बड़े बड़े मंचों पर राजनीति करती है,जबकि जमीनी धरातल पर जीरो बट्टा सन्नाटा। बाढ़ के चलते आज कई ग्राम गांवों में पानी भर गया है। ग्रामीण हताश और परेशान हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे दिखाई दे रहे हैं।

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