नियत,बजट और भेदभाव पर भड़कीं ममता, लेकिन सवाल अब भी वंही के वंही 'आखिरकार भाजपा शासित राज्यों को भी मिला क्या? राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छतिसगढ़,आसम और उड़ीसा जैसे राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को एक तरफा बहुमत हासिल हुआ है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार से लोगों को काफी उम्मीद है,लेकिन जिस तरह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं की बजट में कटौती किया है उसे देखकर इन राज्यों में रहने वाले लोग चिंतित नजर आ रहे हैं।
@ Vinod netam #
बिते दिनों मोदी सरकार की तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बचट को देश के विकसित भारत की संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। वंही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत बजट को जैसा कि हम सभी जानते हैं विपक्षी राजनीतिक दल सरकार बचाऊं बजट करार देते हुए इस बजट के खिलाफ खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। इस बीच देश के राजधानी में कल निती आयोग की बैठक संपन्न हुई है। बैठक में विपक्षी राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्रीयो ने शामिल होने से साफ इंकार कर दिया था,लेकिन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्रीयो की सोच के उल्ट इस बैठक में शामिल होकर तहलका मचा दिया। एक ओर जहां इंडिया गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दल ममता बनर्जी के द्वारा लिए गए फैसले से सहमे हुए दिखाई दे रहे हैं थे तो वंही सत्ता पक्ष में मौजूद सभी नेताओं की नेताओं बैठक से बाहर निकलने के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माइक बंद कर दिया उन्हें बोलने के लिए समय नहीं दिया यह कहते हुए उनकी बोलती बंद कर दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मानें तो उन्हें इस बैठक में बोलने नहीं दिया गया। वो पश्चिम बंगाल के साथ हो रही भेदभावपूर्ण रवैया और संघीय ढांचे पर की जा रही अघोषित हमला को लेकर आवाज उठाना चाह रही थी, लेकिन उन्हें पश्चिम बंगाल के जनता के लिए बोलने से रोका दिया गया। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप को वित्ती मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ नीति आयोग सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम सरासर ग़लत बता रहे हैं। इस बीच केन्द्र सरकार के द्वारा प्रस्तुत बचट को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से विरोध का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में छतिसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिपक बैज ने बयान जारी कर सवाल खड़े किए हैं : बेहद दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के भाजपा के 10 सांसद में से एक ने भी राज्य के हित और अतरिक्त बजट के लिए कोई भी बात नहीं उठाई! साफ साफ दिख रहा है कि सरकार अपने आप को बचाने के लिए ऐसा बजट पेश की है! हालांकि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर जगत प्रकाश नड्डा भारतीय जनता पार्टी शासित सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में सभी भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सिरकत कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित दोनों उपमुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हो सकते हैं।