@ Vinod netam #
बालोद : राजधानी रायपुर के बाद अब कोंडागांव में भी जीएसटी की छापेमारी से बिते रविवार को हड़कम्प मच गया है। हार्डवेयर व्यापारी के ठिकानों पर जीएसटी की 10 सदस्यीय टीम ने अचानक धावा बोल दिया। बताया जा रहा है कि जगदलपुर और फरसगांव में भी हार्डवेयर व्यापारी के दो प्रतिष्ठानों पर दबिश दी गयी है।जीएसटी की टीम हार्डवेयर कारोबारी के घर और दो प्रतिष्ठानों पर पहुंचकर कागजात की जांच पड़ताल में जुटाई है।
घर और प्रतिष्ठानों में प्रवेश करने के बाद आवाजाही पर जीएसटी अधिकारियों ने रोक लगा दी थी। दोनों प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिये गये हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी रायपुर में भी जीएसटी के टिम ने छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया था। बता दें कि केंद्र सरकार ने जब से जीएसटी को लेकर नया नियम लागू किया है 'तब से कुछ लोग जीएसटी टैक्स बचा कर अवैध तरीके से मुनाफा कमाने का कई हत्थकंड़ा जुगाड़ कर लिए हैं। इस हत्थकंडे के चलते न सिर्फ सरकार को जीएसटी नियम लागू करने के बावजूद काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है। अंदेशा के मुताबिक निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामाग्रियों की खरीदी बिक्री में जीएसटी नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। आमतौर ज्यादातर हार्डवेयर की दुकान जीएसटी बिल के जगह मामूली बिल के जरिए निर्माण सामग्री की खरीद बिक्री को अमलीजामा पहनाने का काम कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला बालोद जिले के अंदर भी बहुतेरे होने की बात कही जा रही है। जानकारो की मानें तो जिला के अंदर कांग्रेस पार्टी की शासन काल में ज्यादातर सरकारी निर्माण का कार्य कमीशनखोर ठेंकादारो ही प्राप्त होता था। ऐसे में ज्यादातर कमीशनखोरी के चक्कर में कई ठेकेदारों ने फर्जी जीएसटी बिल के जरिए शासन की अनगिनत सरकारी योजनाओं से पैसा निकाल खाये है। ज्यादा कमीशनखोरी के चक्कर में कांग्रेस पार्टी की शासनकाल के दौरान हुई धांधली से जुड़ी हुई खबर जिला के अंदर मौजूद बड़े अधिकारीयों को लग चुकी है और उन्हें भंलिभांति से यह पता चल चुका है कि किस तरह से नियमों को दरकिनार करते हुए भ्रष्टाचार को जिला के अंदर बढ़ावा दिया गया है। परिणाम स्वरूप बालोद जिला में कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान पदस्थ रहे कई अधिकारी सवालों के घेरे में खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। एक अधिकारी को तो बकायदा कुछ दिन पहले विकासखण्ड मुख्यालय में हाजरी हेतू तामिल किया गया था। ऐसे में जीएसटी की छापामार कार्यवाही को लेकर जनता उत्साहित बताई जा रही है साथ ही टैक्स की चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ बालोद जिला वासी भी कड़ी कार्यवाही की दोहरा रहे हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जिला वासियों की मांग पर बालोद जिले के अंदर कितने जीएसटी टैक्स चोर ठेकेदारों पर कार्रवाई होती है या फिर नहीं। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिले के अंदर कांग्रेस पार्टी की शासनकाल में ज्यादातर ठेकेदार कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए कार्यकर्ता ही शामिल थे। ऐसे में जब प्रदेश के अंदर भाजपा की सरकार बन चुकी है तब लोगों की दिलचस्पी बढ़ना स्वाभाविक माना जा रहा है।