सिस्टम घटिया है साहब इसे दुरूस्त करो?
ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे,
अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे।
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है।
बालोद : भरे आषाढ़ के महिने में माटी पुत्र किसान खेत का चक्कर कांटे या फिर सरकारी दफ्तर का ?
बालोद : जिला के संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजनीतिक रण भूमि की धरा के नाम से मशहूर गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र बड़ी खबर प्राप्त हुई है। खबर के मुताबिक विकासखण्ड क्षेत्र के ज्यादातर किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि के लिए कृषि विभाग के दर पे भरे आषाढ़ के इस मौसम में भटक रहे है। सनद रहे कि आषाढ़ का महिना किसानों के लिए काफी अहम माना गया है। इसलिए आषाढ़ के महिने में किसानों को किसी भी तरह से तकलीफ पहुंचाना यानी कि अन्न को लात मारना जैसे घटना को अंजाम देना माना गया है। शायद इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश की सत्ता हाथ में लेते ही किसानों की इस नेक काम में सहयोगी बनने की इच्छा रखते हुए केबिनेट के सबसे पहले बैठक में ही देश के असंख्य किसानों को मिलने वाली किसान सम्मान की राशि तत्काल आंबटित करने की घोषणा कर देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा को तत्काल में अमल लाते हुए देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान रेल से विदिशा किसानों के दिल में पहुंचने हेतू उनके गांवों तक चले जाते हैं। इस बीच छतिसगढ़ राज्य के माटी पुत्र किसान कलम सिंह साहू पिता दया राम साहू ग्राम पंचायत कोचेरा और उसके साथ में खिलानंद साहू निवासी ग्राम पंचायत भोथली जैसे कई और अंचल के माटी पुत्र किसान सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए तरस रहे हैं।