मुकेश कश्यप
कुरूद. गुरुवार से प्रारंभ हुए श्री शिवमहापुराण से पूरा नगर शिवमय बना हुआ है।कथा के तीसरे दिन आज शनिवार को कथा स्थल में पहुंचने के लिए लोग सुबह से ही पहुंच कर अपनी जगह सुरक्षित करने लगे। दोपहर होते तक भारी संख्या में लोगो का जनसैलाब उमड़ पड़ा।श्री शिवाय नमस्तुभ्यं की गूंज से आस्था और भक्ति चरम पर है।
मां कमलादेवी श्रीधर (शर्मा) एवं उनके परिवार द्वारा आयोजित श्री गौरीशंकर शिवमहापुराण कथा में व्यासपीठ से अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक परम श्रद्धेय श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा कि एक क्षण का सत्संग हमारे जीवन को महान बना देता है। आप सभी लोग यहां श्री शिवमहापुराण की कथा का श्रवण करने आए है,जरूरी यह नही कि आप कहाँ बैठे हो,आप कथा स्थल की किसी भी भूमि में हो वहां से आपको कोई देखे न देखे पर शिव जी आपको जरूर देख रहे है। उनके सम्मुख सिर्फ यही विनती करो कि शिव जी हम सभी पर कृपा बनाए रखें।
मिश्रा जी ने कहा कि आप जब भी कथा का श्रवण करने आए दो बातों को ध्यान जरूर रखें पहला कथा का श्रवण करना दुसरा कथा की भूमि को स्पर्श कर उसे माथे से लगाओ क्योंकि जितने देर तक हम उस स्थान पर बैठे रहते हैं,वहां साक्षात भगवान विराजे होते है। आपके जीवन में धन न हो तो चलेगा, आपके पास बंगला न हो तो चलेगा पर आपके जीवन में संस्कार न हो तो यह नही चलेगा क्योंकि संस्कार ही हमारे जीवन की पूंजी है। वहीं आपका सबसे बड़ा धन है।आप जब भी शंकर जी के मंदिर जाओ तो वहां से दो बूंद जल लेकर आओ,उसे अपने घर में लाओ आपके जीवन में शिव जी कृपा बनी रहेगी।शंकर जी के मंदिर में चढ़े जल का स्पर्श जीवन में पुण्य की प्राप्ति कराता है।एक लोटा जल सारी समस्या का हल,बोल बम का नारा है ,बाबा एक सहारा है।
श्री मिश्रा जी ने शिव भक्तों के पत्रों को पढ़ा और उनके जीवन में गुजरी समस्याओं का वर्णन कर किस तरह शिव जी की कृपा उन पर बरसी इसका वर्णन उन्होंने किया ।इसके साथ ही पं.मिश्रा जी ने विभिन्न प्रसंगों का वर्णन कर शिव जी की महिमा का वर्णन किया।
शनिवार को लगातार तीसरे दिन कथा स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी। आसपास धार्मिक पुस्तकों,पूजा सामग्री सहित कई दुकानें लगी हुई है जो लोगो का ध्यान खीच रही है,समूचे वातावरण में कुंभ मेले जैसा माहौल है। चारों तरफ हर हर महादेव की गूंज से आस्था और भक्ति मन में शांति और समरसता का निर्माण कर रही है।