मुकेश कश्यप
कुरूद. नगर में आयोजित श्री शिवमहापुराण के चौथे दिन व्यासपीठ से कथावाचक श्री प्रदीप मिश्रा जी ने कहा कि जब शिव नाम का मोती हमें प्राप्त होता तो हमें परम सुख की प्राप्ति होती है।पंडाल में चार से अधिक बार हम बैठते है तो हमें शिव नाम का मोती प्राप्त होता है। जीवन में ज्यादा चतुर बनकर रहोगे तो दुनिया पूछने वाली नही है। ज्यादा ज्ञानी बनोगो तो जगत में केवल गोते खाते गिरोगो,शिव को पाने के लिए केवल निर्मल बनना जरूरी है।
श्री मिश्रा ने कहा कि ज्ञानी और चतुर बनने से काम नही चलेगा,आप जितने भोले बनोगे ,भगवान आपको प्राप्त होगा।जब तक बच्चा खिलौनों से खेलना चालू नही करता,तब तक वह मां की गोद में ही रहता है। जिस दिन बच्चा खिलौने से खेलना चालू कर देता है,वह मां की गोद को छोड़ देता है।जब तक कोई इंसान ज्ञानी, चतुर, घमंड में है, तो वह शिव जी से दूर हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि माता पिता अपने बच्चे को लायक बनाए पर इतना लायक न बनाए कि आपको वह नालायक समझे।आप बच्चो को संस्कार के जल से नही सीचोगे तो वह आपको नालायक मानेगा।बच्चों में सबसे पहले संस्कार की शिक्षा देनी होगी।प्रकृति देना जानती है,पत्थर खाकर वह अन्न दे रही है।उसी तरह माता जन्म से सारे कष्ट सहन कर केवल बच्चों के सुख के लिए हर सुख को त्याग देती है।दुनिया में कोई ऐसी मां नही जो अपने बच्चे से कभी कहती है कि बेटा मेरे लिए बाजार से कुछ खरीद कर लाना,बल्कि जिस समय बेटा तकलीफ में होता है, उस समय केवल मां ही ऐसी होती है जो कहती है,ये ले मेरे गहने बेच दे और अपनी समस्या दूर कर दे।
मां की ममता और उसका महत्व दुनिया से निराला है।
वृक्ष जब छोटे से बड़ा बनता है तो आवाज नही करता,वही वृक्ष जब टूटता है तो बहुत आवाज करता है। इसी तरह मेहनत करने वाला जब बढ़ता है तो उसकी शालीनता और मौन रूप ही उसकी ताकत होती है। टूटने वाला ही शोर मचाता है,और उन्नति की ओर आगे बढ़ने वाला होता है वह दिखावा नहीं करता।एक नारी के मस्तक की बिंदी और जिव्हा से निकलने वाली हिंदी ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।दरवाजे में गौ माता को रोटी देना भी एक तीर्थ के बराबर है।केवल नवरात्रि में मां को पूजने से फल नही मिलेगा।माता पिता को जीवन भर पूजो हमेशा पुण्य मिलेगा। मां के चरणो तैतीस कोटि देवी देवता का वास होता है।
उन्होंने आगे कहा कि पूरे शिव महापुराण में प्रकृति की चर्चा है,शिव महापुराण के अंदर बहुत से मोती छिपे है,उसे पाने के लिए हमें इसे समझना होगा।आज कुरूद में आपका घर होना,बहुत सौभाग्य है क्योंकि यहां शिवमहापुराण कथा हो रही है।किसी के घर जाना तो धन देखकर मत जाना ,मन देखकर जाना।मेरा बाबा किसी को खाली न भेजे चाहे आप कही से भी कथा सुनो,बाबा आपको हमेशा खुश रखे।
कमलादेवी श्रीधर (शर्मा) एवं उनके परिवार द्वारा आयोजित श्री गौरीशंकर शिवमहापुराण कथा में रविवार को चौथे दिन भारी संख्या में भक्त उमड़े।आस्था और भक्ति चरम पर रही।भक्त कथा स्थल की भूमि का चरण वंदन करते हुए पुण्य के भागी बने।आयोजन समिति द्वारा भक्तो के लिए विशाल भंडारा लगाया गया है।इसी तरह आसपास धार्मिक पुस्तकों,पूजा सामग्री सहित कई दुकानें लगी हुई है जो लोगो का ध्यान खीच रही है,समूचे वातावरण में कुंभ मेले जैसा माहौल है। चारों तरफ हर हर महादेव की गूंज से आस्था और भक्ति मन में शांति और समरसता का निर्माण कर रही है।