रायपुर :- छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांकेर लोकसभा सांसद मोहन मंडावी ने लोकसभा शीतकालीन सत्र में कांकेर शहर से होकर बहने वाली दूध नदी पर बनी हुई पूल जो कि नेशनल हाईवे नंबर पर बना हुआ है जिसकी हालत को गंभीर बताते हुए उन्होंने ने सदन में मामले से अवगत कराते हुए कहा कि नेशनल हाईवे नंबर 30 बस्तर सहित छत्तीसगढ़ की हार्ट लाइन है। हर रोज दूध नदी पर बने इस जर्जर पूल पर सैकड़ों गाड़ी गुजरती है, जिनके जरिए बस्तर से रायपुर और बस्तर से विशाखापत्तनम जैसे महत्वपूर्ण शहर एक दूसरे से जुड़ता है।
यह पूल काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी है यदि समय रहते हुए इस पूल को दोबारा नहीं बनाया गया तो कारोबार और लोगों की दैनिक दिनचर्या प्रभावित होगी।

संगीत और रामायण प्रेमी कांकेर लोकसभा सांसद मोहन मंडावी की इस बात पर दूध नदी पर बने हुए जर्जर पूल की हालत को सदन में गंभीरता से रखें जाने से जल्द पूल की काया पलट होने के आसार बन गई है।
लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य की मुख्य नदियों में से एक महानदी जंहा पर विगत कई वर्षों से धड़ल्ले से जारी अवैध रेत उत्खनन पर सांसद मोहन मंडावी की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
क्योंकि महानदी कांकेर जिले के एक बड़े हिस्से को उपजाऊ बनाने के साथ जिले में पेयजल आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान निभाती है।
जंहा पर विगत कई वर्षों से इस नदी की छाती को चीर कर बड़े बड़े चैन माउंटेन मशीनों से की जाती रही है दिन-रात अवैध रेत उत्खनन।
अवैध रेत उत्खनन के चलते महानदी की पारिस्थितिकी तंत्र में हुआ भंयकर बदलाव।
कई प्रजातियों की देशी मछलियों के जाती हुई पूर्ण रूप से खत्म, जबकि दिन-रात अवैध तरीके से महानदी की छाती को चीर कर रेत उत्खनन करने वाले लोगों की प्रजातियों में हुई बढ़ोतरी। बिते पांच वर्षों के दौरान राज्य में भूपेश बघेल की सरकार अस्तित्व में रही इस दौरान कांकेर जिले से होकर गुजरूंने वाली महानदी में भंयकर तरीके से अवैध रेत उत्खनन को अंजाम दिया है। रोजाना इस पूल से होकर ओवरलोड रेत गाड़ियां दिन-रात निकलते हुए लोगों ने देखा है।
परिणाम स्वरूप दूध नदी पर बने इस पूल की हालत दयनीय हो गई है। अवैध रूप से जारी रेत उत्खनन और अवैध परिवहन पर सांसद मोहन मंडावी पहले आवाज को बुलंद करते तो शायद पूल की हालत जो वर्तमान समय में दिखाई दे रही है वह नहीं रहती और न ही महानदी की पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव हुआ होता जिसके चलते कई मछलियों की प्रजाति खत्म नहीं हुई होती। ऐसे में एक बड़ा सवाल क्या भाजपा की प्रदेश में सरकार बनने के बाद प्रदेश की नदियों में होने वाली अवैध रेत उत्खनन में कमी आयेगी ?