भाजपा से कांकेर लोकसभा सांसद मोहन मंडावी तक की छवि को भंयकर तरीके से नुकसान पहुंचाने से भी नहीं चुके बालोद भाजपा के जिम्मेदार नेता, जबकि सांसद मोहन मंडावी सबका साथ सबका विकास की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए बालोद जिले की भूमि पर हमेशा पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए मिले।
बालोद :- विगत पंन्द्रह साल तक बालोद जिले की सियासी पिच पर हिट विकेट देकर पवेलियन वापस लौट आने वाले बालोद भारतीय जनता पार्टी की पूरी टीम इन दिनों जिला के तीनों विधानसभा सीट पर मिली विधानसभा चुनाव में हार को पचा नहीं पा रही है और हार का ठिकरा महज इस चुनाव में पार्टी गतिविधियों के खिलाफ करने वाले कार्यकर्ताओं पर लगाते हुए पार्टी के अंदर मौजूद जिम्मेदार लोग अपनी गैरजरूरी गतिविधियों को छुपाते हुए नजर आ रहे हैं। चूंकि सूबे में भाजपा की सरकार बैठ रही है लिहाजा हार की समीक्षा इस बार भाजपा सरकार पूरे पांच साल तक छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला में आने वाले तीनों विधानसभा सीटों पर प्रभावी तरीके से करेगी यह माना जा रहा है। जिसके चलते पार्टी के जिम्मेदार भाजपाई नेता विधानसभा चुनाव में मिली हार को समीक्षा में धाराशाई होने की डर के मारे अब बागियों की तरफ उंगली उठाते हुए हार का ठिकरा अब उनके मत्थे फोड़ते हुए देखे जा रहे हैं जबकि भाजपा एक अनुशासन प्रिय राजनीतिक दल है और अनुशासन प्रिय राजनीतिक दल होने के नाते इस चुनाव में पार्टी कार्यकर्ता जो कि भाजपा का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है वह टूटकर बागी कैसे हुआ और क्यों हुआ और जो इस चुनाव में हुए हैं सिर्फ पर उन्ही पर ही सवाल क्यों ? आखिरकार बागी होने के क्या कारण थे और महज अभी हुए चुनाव में हुए बागियों पर ही कार्यवाही क्यों,जबकि विगत तीन पंचवर्षीय विधानसभा चुनाव में पार्टी के अंदर गुटबाजी, भीतरघात और पार्टी को अंतर्कलह में झोंकने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं? भूपेश बघेल सरकार की ग़लत नितियों पर चुप्पी साध कर घर के अंदर से राजनीति को बालोद जिले की सियासी सरजमीं पर संचालित करने वाले लोग क्या जिम्मेदार नहीं हैं ?
बालोद जिले में कांग्रेस पार्टी के तीनों विधानसभा क्षेत्र में मौजूद विधायकों के खिलाफ जनता के मध्य काफी रोस बरकरार बताया जाता रहा लेकिन जनता की रोस को आक्रोश में बदलने के लिए भाजपा के ज्यादातर जिम्मेदार नेता पूरे पांच साल तक गायब मिले, जबकि पार्टी आलाकमान इनकी जिम्मेदारीयो पर आंख मूंद कर भरोसा करती रही।
ऐसे में जनता की समस्याओं को घर बैठ कर समझने वाले पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को सिर्फ बागियों की ओर इशारा करना शोभा प्रदान नहीं करता है।
आखिरकार भारतीय जनता पार्टी की सरकार और पार्टी हाईकमान बालोद में बैठे जिम्मेदार पार्टी नेताओं को महज बागियों के चलते छोड़ देगी या फिर पार्टी के मुंह पर लगातार कालिख पोतने का जिम्मेदार मानते हुए। भाजपा के अंदर मौजूद मेहनतकश और ईमानदार माटी पुत्रों को तवज्जो देगी यह देखना दिलचस्प होगा।
बहरहाल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर बालोद भाजपा के अंदर मौजूद स्वार्थी नेताओं की लोभ ज्यादा बढ़ने की बात कही जा रही है, लेकिन लोभी भाजपा नेताओं को यह समझना चाहिए सिर्फ बागियों पर ही कार्यवाही नहीं होगी बल्कि हार की जिम्मेदारी सबकी है और जिम्मेदारी के अनुसार सब पर कार्यवाही बननी चाहिए ताकि मेहनत करने वाले लोगों को आगे मौका मिल सके।