अगर INDIA गठबंधन एक जुट नहीं हुआ तो हमारे जैसे सोशल मीडिया एक्टिविस्ट, INDIA गठबंधन का समर्थन क्यों करेंगे?
हम सबको इस पर विचार करना होगा। क्योंकि विपक्ष के मेढकों को एक तराज़ू में तोलना आज की परिस्थिति में असंभव ही नहीं बल्कि नामुमकिन बताया जा रहा है !
हाल के दिनों में हुई राज्यों के चुनाव रिजल्ट ने कांग्रेस पार्टी को उसकी राजनीतिक कुशलता की परछाईं से रूबरू करा दिया है।
इस चुनाव में कांग्रेस ने अन्य दलों से गठबंधन न करके कुटिलता दिखाई बल्कि अपनी विश्वसनीयता खोई दी, जिससे विपक्ष के कई नेता बहुत ख़फ़ा हैं,जबकि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानदारी चलाने की बात कहते हुए कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा की बुनियाद के बदौलत देश की जमीनी धरातल पर मौजूद कई सियासी दलों के संग मिलकर भाजपा के खिलाफ अपनी जमात को मजबूत बनाने की बात पर बल देते हुए नजर आया करते थे और मोदी सत्ता से सवाल किया करते थे, लेकिन जिस तरह से राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन में शामिल अपने मित्रों को धूर्तता दिखाई है,वह कांग्रेस मुक्त भारत के लिए मिल का पत्थर साबित हो सकती है !
इस टूटे मनोबल के साथ 2024 में INDIA गठबंधन के उछलकूद करते मेढकों द्वारा मोदी जी को हराना नामुमकिन नहीं तो मुश्किल ज़रूर है।
छत्रपों को साथ में लेकर मोदी सत्ता की बुनियाद पर आखिरी कील ठोकने का सपना देखने वाली कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद हासिए पर चली गई है! इससे इंडिया गठबंधन में शामिल कई कांग्रेसी मित्रों को यानी कि राज्यो में मुख्य राष्ट्रीय राजनीतिक दल से अपनी अलग पहचान के दम पर मोदी सत्ता से टक्कर लेने वाले छत्रपों को अब कांग्रेस पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में साथ बने रहने में फायदा कम और नुकसान ज्यादा होने की चिंता सताने लगी है!
आलम यह है कि 6 दिसम्बर को होने वाले इंडिया गठबंधन में शामिल कई बड़े छत्रपों ने आने से मना कर दिया है! वंही कांग्रेस पार्टी हारे हुए राज्यों में जरूरी कदम उठाने की बजाए घर में कंबल ओढ़े ओढ़े तेलंगाना जीत को लेकर सोसल मीडिया में तूर्रा छोड़ते हुए देखे जा रहे है!
इंडिया गठबंधन में शामिल छत्रपों को मोदी सत्ता के खिलाफ खड़ा करना कांग्रेस पार्टी के लिए आगे आने वाले दिनों एक बड़ा चुनौती बन सकता है!
यदि लोकसभा चुनाव में दमदारी के साथ खड़े मजबूती से मोदी सत्ता से लड़ना है तो जमीन पर एक एक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को करना होगा डबल मेहनत! मेहनत की बजाए घर में बैठकर फोकट की मलाई खाने वाले बनिया दुकानदारों को सबक सिखाने की आवश्यकता भी होगी ताकि सड़क पर निकल कर मोदी सत्ता के खिलाफ जनता के मध्य छाई हुई प्रमुख मुद्दों पर रोजाना लड़ाई लड़ा जा सकें और उस लड़ाई के बदौलत लोकसभा चुनाव में मोदी सत्ता के खिलाफ अपनी जमीन को कांग्रेस मजबूत कर सकें!