बालोद : सद्गुरु कबीर दास जी कहते है कि दुर्लभ मानुष जनम है,देह न बारम्बार।
तरूवर ज्यों पत्ती झड़े,बहुरी न लागे डार।। अर्थात मनुष्य का जन्म बड़ी मुश्किल से मिलता है। जिस तरह पेड़ से पत्ता झड़ जाने के बाद फिर वापस कभी डाल में नहीं लग सकता है, ठीक उसी तरह मनुष्य जन्म एक बार खत्म होने के बाद दोबारा नहीं मिल सकता है। अतः मनुष्यों को सद कर्म और बढ़िया आचरण प्रस्तुत करते हुए मनुष्य जीवन का आंनद उठना चाहिए। मनुष्य का बढ़िया आचरण और सद् कर्म समाज में प्रभाव को ना सिर्फ बढ़ाता है बल्कि दूसरे मनुष्यों को भी बढ़िया आचरण और सद् कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे में सामाजिक जीवन जीने वाले मनुष्यों को समाज में क्या करने की आवश्यकता होती है यह बताने की जरूरत नहीं है। बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव सम्पन्न होना है। विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल के नेता सैकड़ों नेताओं के भीड़ से निकल कर जनता के लिए पार्टी के द्वारा चिन्हांकित होने के लिए दिन रात मेहनत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब राजनीतिक दल नेताओं के भीड़ से किसके सर पर उम्मीदवारी का ताज रखते हैं, यह तो राजनीतिक दल और नेताओं की आचरण और व्यवहार पर ही निर्भर करता है। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस बार कई नए चेहरे को मैदान में उतारेगी जिसमें महिलाओं को भी बड़ी संख्या में शामिल किया जाएगा। इसके लिए कांग्रेस पार्टी कुछ वर्तमान विधायकों की टिकट कांट सकती है। कहा जा है कि पहली बार के विधायकों की टिकट ज्यादा कटेगी। साथ ही खराब परफारमेंस वाले कुछ पुराने विधायकों को भी पार्टी चुनाव मैदान से बाहर कर सकती हैं। ईडी के निशाने पर आए विधायको भी मैदान में नहीं उतारा जाएगा। इसके अलावा विवादों में रहने वाले या किसी न किसी कारण से दागदार हो चुके विधायकों का भी पता साफ माना जा रहा है। लिहाजा कयास यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस पार्टी कुछ प्रोफेशनल्स को मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस का लक्ष्य हर हाल में सत्ता पर वापसी है। इस बीच संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा जिसे कुछ महिना पहले ही छतिसगढ़ विधानसभा में उत्कृष्ट विधायक होने का दर्जा प्रदान किया गया है। वैसे देखा जाए तो संगीता सिन्हा के कार्यकाल उनकी अपनी विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए जानी व पहचानी जाती रही है। बावजूद इसके संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों विधायक संगीता सिन्हा के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन करने पर उतारू हो रहे हैं। ताजा मामला जिला मुख्यालय बालोद से महज कुछ दूर पर स्थित ग्राम पंचायत नेवारी कला की बताई जा रही है। जंहा पर ग्रामीणों ने विधायक संगीता सिन्हा का विरोध करते हुए उनकी गाड़ी को गांव में घुसने से पहले रोके जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस दौरान ग्रामीणों ने बीच सड़क पर सूखी लकड़ी डालकर विधायक संगीता सिन्हा को आगे बढ़ने से पहले ही रोक दिया। विरोध करने वाले ग्रामीणों की मानें तो विधायक संगीता सिन्हा ने उनके गांव के विकास हेतू पूरे पांच साल में कुछ भी नहीं किया है। सामने चुनाव है इसलिए ग्रामीणों को झुठी दिलासा देने हेतू सामने आ रही है। विधायक को लगभग 1घंटा तक ग्रामीणो की विरोध का करना पड़ा है। जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लेना पड़ा तब कहीं उन्हें गाँव में जाने का मौका मिला लेकिन मामला यहाँ भी शांत नहीं हुआ की ग्रामीण महिलाओं ने उन्हें गाँव के एक जर्जर स्कूल की मरम्त की माँग पूर्ण नहीं करवाने पर उन्हें उनके कार्यकाल का आईना दिखाते नजर आए। इस तरह ग्राम नेवारी कला में विकास कार्यों का अंदेशा उनके विरोध से लगाया जा सकता है। हालांकि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें उत्कृष्ट विधायक का दर्जा प्राप्त है,लेकिन जमीनी हकीकत देखे तो उनके संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के गाँव में हालात विपरीत नजर आ रही है।
नेवारी कला में ग्रामीणों द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है वे ग्रामीण युवा और महिलाएं है जहाँ की कुल आबादी लगभग 7 हजार से ज्यादा है इससे आगामी चुनाव में इसका असर कांग्रेस पार्टी को वोट के रूप में भी देखने को मिल सकता है।
वहीं इससे पूर्व ग्राम पंचायत नेवारी कला की हिस्से वाली नदी से रेत चोरी कर उत्खनन करने के मामले को लेकर पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा का नाम सामने आया था। नेवारी कला ग्राम पंचायत के सदस्यों और ग्रामीणों ने खुलेआम संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र विधायक संगीता सिन्हा के पति पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा पर दबंगई करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्टी जल्द ही विधानसभा चुनाव हेतू उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती हैं। ऐसे में नेवारी कला के ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन मौजूदा विधायक संगीता सिन्हा के लिए अनहोनी साबित ना हो जाए। अंदेशा यह लगाया जा रहा है। भगवान करे ऐसा ना हो, लेकिन हो गया तब हमारे पास एक ही शब्द रहेगा शायद होनी को कौन टाल सकता है।