दोनों राजनीतिक दलों की ओर से आयोजित की गई नामांकन रैली से नदारद रहे बागी फूल भैय्ये भाजपाई नेता और कांग्रेसी पार्टी के हाथ छाप नेता। दोनों राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की नामांकन रैलीयों में उमड़ी भारी संख्या में भीड़। बाईक रैली से लेकर धूंआधार भाषणों के जरिए कांग्रेस पार्टी पर भाजपाइयों ने छोड़े सियासी तीर कहा कका लबरा हे रे ..तो वंही कांग्रेसी उम्मीदवारों ने कहा अभी तो ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है। छत्तीसगढ़ माटी किसानों की भूमि है और कांग्रेस पार्टी किसानों की हितैषी है।
बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने गुरुवार को नांमाकन पत्र दाखिल करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोंक दिया है। इससे पूर्व एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हुए मुख्य विपक्षी राजनीतिक दल भाजपा सहित हमर राज पार्टी को चुनौती दिया था। हालांकि अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने या फिर राष्ट्रीय पार्टी से बागी हो चुके नेताओं ने अभी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है।

यानि कि नामांकन दाखिल करने का सिलसिला अभी बांकी माना जा सकता है। इस बीच संजारी बालोद विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के दो जिला पंचायत सदस्यों ने भी निर्दलीय नामांकन पत्र खरीद कर संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दिया है,उनके बारे में भी चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। वंही गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के बड़े चेहरों में शुमार रहे गुण्डरदेही पूर्व विधायक आर के राय ने वापस जोगी जनता कांग्रेस पार्टी का दामन थामते हुए गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र में यह स्थिति बनते बनते थम गई है, जो कि राष्ट्रीय पार्टियों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बढ़िया संकेत माना जा सकता है,लेकिन संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में मौजूद बागी होने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता और गुण्डरदेही विधानसभा सीट से बागी होने वाले पूर्व विधायक आर के राय जो कि जोगी जनता कांग्रेस पार्टी के जरिए दोनों राष्ट्रीय पार्टी के लिए इस चुनाव के मद्देनजर चिंता का सबब बनते हुए साफ नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में बागी तेवर दिखाने वाली कांग्रेसी जिला पंचायत नेत्रीयों को कांग्रेस पार्टी से नेता मान मनौव्वल करने में जुटे हुए हैं जबकि गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र में बागी भाजपा उम्मीदवार विरेन्द्र साहू का विरोध करते हुए विरोध का स्वर बुलंद करने में जुटे हुए हैं। हालांकि सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दल के उम्मीदवार अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में जबदस्त तरीके से चुनाव प्रचार में लगे हुए दिखाई दे रहे हैं बावजूद इसके बागियों के बागी तेवरों पर चर्चा का बाजार गर्म है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो समय रहते हुए बागियों को ठिकाना नहीं लगाया गया तो दोनों राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को जबदस्त तरीके से नुकसान होगा और चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को नुकसान पहुंचाना यानि कि उम्मीदवारों की सियासी जमात को खतरा पहुंचने के बराबर माना जाता है।
गोटानी जोहार के बलबूते हमर राज पार्टी दिखा रही हैं राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को छड़ी।
परदेशिया भगाओ अभियान के बलबूते छत्तीसगढ़ राज्य की माटी में अपनी वजूद को मजबूती से स्थापित करने वाली समाजिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना का दूसरा नाम जोहार छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में माटी की लड़ाई लड़ने वाले समाजिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने हमर राज पार्टी के जरिए विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले सर्व आदिवासी समाज ने भी भानुप्रतापपुर उपचुनाव में मिली सफलता को देखते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना कर कई विधानसभाओं में अपने उम्मीदवारों को पहली बार चुनाव मैदान में उतार दिया है। हालांकि सर्व आदिवासी समाज और हमर राज पार्टी एक दूसरे को समर्थन देते हुए भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ स्थानीय मुद्दों पर एवं छत्तीसगढ़िया वाद को लेकर मतदाताओं से वोट मांगने का काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं,लेकिन दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने जो जगह छत्तीसगढ़ राज्य के मतदाताओं में अब तक बना कर रखी हुई है, उसे हमर राज पार्टी और सर्व आदिवासी समाज का गठ जोड़ इस चुनाव में अपने छड़ी के बदौलत निकाल पाने में पूर्णतः सफल हो पायेंगे इस पर बड़ा सवाल है। यह सर्व विदित है कि
अबतक दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दल ने अपनी राजनीतिक कुशलता के दम पर ना सिर्फ प्रदेश के लगभग सभी परिवारों में अपनी जगह मजबूती से स्थापित करने में अपार सफलता हासिल किया है बल्कि बाप,भाई और बेटे तक को इस राजनीतिक पैंठ के चलते कई जगहों पर अलग-थलग करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यानि कि भाजपा और कांग्रेस पार्टी की साख छत्तीसगढ़ राज्य के मतदाताओं में किस कदर हावी है इसे समझा जा सकता है। बहरहाल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के सारे पत्ते जनता समक्ष प्रस्तुत है और जनता जिस पत्ते में दांव लगायेगी वही पत्ता तुरूप का इक्का माना जायेगा।


