पाटन : पाटन राज के पवित्र भूमि पर जन्म लेने वाले पाटन के दाऊ जी अर्थात भूपेश बघेल 17 दिसंबर 2018 को बतौर छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आज भी पाटन की माटी में छाए हुए हैं। पाटन विधानसभा सीट की मटासी मिट्टी को अपनी सरजंमी मानकर चलने वाले माटी पुत्र भूपेश बघेल इस मिट्टी के कण कण में समाये हुए हैं। प्राचीन काल से छत्तीसगढ़ के लोग पाटन की पवित्र भूमि को पाटन राज के तौर पर जानते हैं। वंही छत्तीसगढ़ राज्य में 36 राजघरानों का जिक्र मिलता है।

बतौर पाटन के भूमि पर राजनीतिक दृष्टिकोण रखने वाले राजनितिक पंडितों की मानें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यानी कि पाटन के दाऊ जी जब से छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से पाटन राज की महत्ता को पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में प्रसारित करते हुए शासन चलाने का काम किया है। पाटन की मिट्टी से ताल्लुक रखने वाले भूपेश बघेल वैसे तो किसान परिवार से आते है। हालांकि बतौर खेती किसानी उन्होंने ने अबतक ना तो किसी खेत की मूली को उखाड़ा है और ना ही कभी धनिया की बुंआई को अंजाम दिया है। दाऊ जी के घर में आज भी खेती किसानी से जुड़े हुए कार्य उनके छोटे भाई रितेश बघेल संम्हालते है, लेकिन फिर भी उनकी पार्टी की सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों के हितैषी सरकार होने का तमगा हासिल है। कारण स्पष्ट है,जब से कांग्रेस पार्टी की पाटन वाले दाऊ जी (भूपेश बघेल) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी है, तब से प्रदेश में किसानों से जुड़ी हुई आत्महत्या की खबर थम सी गई है, बल्कि किसान गौधन धन न्याय योजना और गोबर खरीदी योजना के साथ किसानों को लेकर बनाई गई योजनाओं से पूरी तरह संतुष्ट हैं। हां यह अलग बात है कि राज्य में अब लोग अवैध सट्टा कारोबार और शराब के चलते आत्महत्या जैसे कदम को प्रभावी तरीके से अजमा रहे है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में एक बार फिर मैदान में उतर चुकी है। कांग्रेस पार्टी के सभी उम्मीदवार जगह-जगह कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं को चुनावी संदेश देते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी लगातार घोषणाओं का अंबार लगा रहे हैं। पिछले दिनों दाऊ जी छतिसगढ़ राज्य में दोबारा किसानों के कर्जा माफी की घोषणा को फलीभूत करते हुए दिखाई दिए थे। हालांकि कई ऐसे चुनावी घोषणाएं पिछले विधानसभा चुनाव के बांकी रह गए हैं, दाऊ जी के सरकार की 'जो अब तक लोगों को धरातल पर कम दिखाई दिए हैं और पोस्टरों व नेताओं की भाषणों में ज्यादा। बावजूद इसके किसानों की कर्जा माफी कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी बूटी बनी हुई है।
दाऊ जी एक माहिर राजनीतिक सोंच समझ वाले नेता माने जाते हैं। उन्हें भंलिभांती पता है कि राज्य में मौजूद किसानों को क्या चाहिए और क्या नहीं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार कुछ दिन पहले बनाए गए उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव अधूरे घोषणा की बात सार्वजनिक रूप कह चुके है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को नई घोंषणा करने से पहले पुराने घोषणाओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए ताकि उनके ही पार्टी के दूसरे नेता उनकी सरकार की पोल जनता मध्य ना खोल सकें। अब जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जीत की उम्मीद लेकर मैदान में उतर चुके है। तब उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जनता के सवालों पर खरा उतरते हुए अपने लिए विधानसभा चुनाव में जीत का रास्ता तय करेंगे और भरोसे की सरकार के भरोसे को पाटन वाले दाऊ जी के लिए एक बार फिर बरकरार रखेंगे। पाटन वाले दाऊ जी जनता के मध्य बेबाक तरीके से बयान रखने के लिए और सवालों का जवाब देने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में पाटन की जनता भी पाटन के दाऊ का इंतजार बेशब्री से कर रही है।
