रायपुर :छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बहुत कम दिन शेष बांकी रह गए हैं, लेकिन इन कम दिनों में क्या हम एक मतदाता होने की जिम्मेदारीयो को समझते हुए सफल तरीके से लोकतंत्र की इस महापर्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है? माना जाता है कि आज के वर्तमान दौर में सही नेता का चयन ना के बराबर हो गई है। अब क्यों और कैसे हो गई है। बस इसी बात को समझना है और समझते हुए सभी मतदाताओं को जागरूक होना है,क्योंकि आज के वर्तमान दौर में नेताओं को देश के भविष्य कुछ अलग तरह की नजरिए से देख रहे है। इसलिए सही नेता का चयन बहुत जरूरी माना जा रहा है। बहरहाल
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने अपने 30 सियासी योद्धाओं का नाम सार्वजनिक कर दिया है। कभी भी बांकी विधानसभा सीटों की उम्मीदवारी पर दूसरी सूची जारी कर सकती हैं। गौरतलब हो कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सार्वजनिक किए गए 30 सीटों में घोषित कांग्रेसी सियासी योद्धा पहले चरण के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने हेतु मैदान में भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों के सियासी पहलवानों से भिड़ेंगे। हालांकि इस बार कांग्रेस पार्टी ने अपने कुछ पुराने सियासी योद्धाओं को बदलने का नायाब काम किया है, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित बांकी मंत्री मंडल के उनके सहयोगी रहे तमाम योद्धा जो अब तक सरकार में उनके साथ दिखाई देते हुए नजर आए हैं, वे सभी एक बार फिर उनके साथ सियासी मैदान में भिड़ने के लिए पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में मौजूद रहेंगे। यानि कि इस बार 75 पार बात ख़त्म, लेकिन क्या इस बार 75 पार मुमकिन है,क्योंकि 30 सीटों की जारी सूची में कई सिंटींग विधायकों का टिकट कांग्रेस पार्टी ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कांट दिए हैं। वंही दूसरी सूची में भी कई विधायकों को जगह नहीं मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में इस बार 75 पार का आंकड़ा कांग्रेस पार्टी के लिए ओवर कांफिडेंस वाली स्थिति ना बन जाए। हालांकि कांग्रेस पार्टी की रणनीति सियासी माहौल के हिसाब से अनुकूल बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों का नाम पहले सूची में शामिल,बांकी पर संस्पेंश बरकरार,कई विधायकों को मिलेगा नवरात्रि स्पेशल उपहार।
जैसे कि कांग्रेस पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस बार पार्टी 75 पार की आंकड़ा को पार करने हेतू पार्टी किसी भी तरह की कोई भी समझौता को मंजूर नहीं करेगी। लिहाजा पहले जारी सूची में कई सिंटींग विधायकों का नाम उम्मीदवारी की सूची से बाहर रखा,हालांकि कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी इस पहले सूची में शामिल कई मंत्रियों और विधायकों के भी सर्वे रिपोर्ट ज्यादा अच्छे नहीं बताये जा रहे है। अब इन्हें 75 पार की हैसियत से टिकट दिया गया है या फिर किसी और कारणवश यह कहा नहीं जा सकता है। वंही दूसरी सूची जारी करने से पहले एक बार फिर कांग्रेस पार्टी दिल्ली में चुनाव समिति की बैठक आयोजित करने जा रही है। जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली निकल चुके है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने भी छत्तीसगढ़ राज्य के 90 विधानसभा सीटों में से पांच विधानसभा सीटों को छोड़कर सभी विधानसभाओं में अपने रणबांकुरों को सियासी मैदान पर कांग्रेसी सियासी योद्धाओं को धूल चांटने हेतू पहले से ही तैनात कर दिया है। हालांकि भाजपा इस बार भी कांग्रेस पार्टी की अपेक्षा मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रही है। अब क्यों इसके बारे में भाजपा के बड़बोले नेता ही कुछ बंया कर सकते है।
पूरे राज्य भर में सियासी गपशप जोरों पर।
मंगलू और समारू में जबदस्त सियासी बकिक बका।
समारू : ले न रे मंगलू बता तोर नेता कौन हरे कैसे,
मंगलू जे जितही ते।
जैसे कि सभी को पता है कि इस वक्त चुनावी माहौल है, ऐसे में जाहिर सी बात है कि चर्चा के बाजार में चुनावी खबरें ही इस वक्त इस बाजार की रौनक को रंगीन कर सकती है। प्रदेश के गांव, गली,घोर चौंक चौहारे चुनावी चर्चाओं से भरी पड़ी हुई है। चर्चा करने वाले लोगों में वो लोग भी शामिल हैं, जिनका किस्मत इस चुनाव पर टिका हुआ है। वैसे हर चुनाव हर मतदाता के लिए उम्मीदों वाली सपनों की तरह होती है जिसमें जान रहता है,लेकिन उड़ान के लिए पंख नहीं। लोगों की उम्मीदों पर इस बार का चुनाव उम्मीदों वाला साबित हो और इन्हीं उम्मीदों के लिए चर्चा का बाजार गर्म बताया जा रहा है। लोग अपने अपने अंदाज में अपने नेता और राजनीतिक दलों की बखान करते हुए दिखाई दे रहे है। वंही जो लोग अपने नेता और पार्टी के कामों से संतुष्ट नहीं है वे लोग तंज कसते हुए देखे जा रहे हैं।