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भाजपा की दुसरी सूची लगभग तैयार, कांग्रेस पार्टी को अब भी सही समय का इंतजार।

@vinod netam
छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय नेताओं का दौरा तेज हो गया है। कांग्रेस और भाजपा के साथ झाड़ूधारी आम आदमी पार्टी के नेताओं की लगातार जनसभाएं हो रही है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई अन्य भाजपा के बड़े बड़े नेता छत्तीसगढ़ राज्य में लगातार जनसभा को संबोधित करते हुए दिखाई देते हुए नजर आ रहे हैं।वंही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी जनसभाओं में समां बांधने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रखा है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे से लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा तक छत्तीसगढ़ राज्य की जनता से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर चुके हैं। वंही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भी लगातार जनसभाओं में झाड़ू दिखा कर भाजपा और कांग्रेस को छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं से साफ करने की बात कहते हुए सुने गए है। इस सब के बीच तीनों प्रमुख राष्ट्रीय दलों के नेताओं और समर्थकों को प्रत्याशियों की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है। और हो भी क्यों ना आखिरकार नेता राजनीति में कदम जीवन भर दर्री बिछाने के लिए तो नहीं करते हैं। भाजपा छतिसगढ़ राज्य की 21विधानसभा सीटों पर प्रत्याशीयों नाम की पहली सूची जारी कर चुकी हैं' लेकिन वह सूची जारी हुए भी करीब महीने भर का वक्त गुजर चुका है। इस बीच दूसरे सुची के इंतजार में कई दिनों से भाजपाई नेताओं की सांसें थमीं हुई बताई जा रही है। इधर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी भी सितंबर के पहले सप्ताह में सूची जारी करने की तैयारी में थी, लेकिन ज्यादातर सीटों पर अभी सहमति ही नहीं बन पाने के चलते कांग्रेस पार्टी के अंदर खूब गहमागहमी चल रही है। पार्टी के कई सिटिंग विधायक अन्य दूसरे कांग्रेसी नेताओं की पैर खिंचने में लगे हुए बताए जा रहे हैं।आम आदमी पार्टी ने भी कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का नाम सार्वजनिक कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी अभी तक एक भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं कर पाई है। खैर विधानसभा चुनाव को नजदीक देख तीनों राजनीतिक पार्टियों ने टिकट फाइनल करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रायपुर आने वाले थे लेकिन उनका दौरा टाल गया इसके बावजूद चर्चा है कि इस महीने के अंतिम सप्ताह या फिर या फिर अक्टूबर के पहले सप्ताह में तीनों राजनीतिक दल प्रत्याशीयों की सुची जारी कर सकती हैं। सियासी गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार कांग्रेस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन के 28 सितंबर को प्रस्तावित बलौदा बाजार दौर के बाद अपनी पहली सूची जारी कर देगी। हालांकि इससे पहले भी मल्लिका अर्जुन खरगे राजनांदगांव में एक जनसभा को संबोधित करने हेतू पहुंचे थे। इस दौरान भी कुछ इसी तरह की सियासी तूर्रा छोड़ी गई थी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने तमाम तरह के सियासी तुर्रे को दरकिनार करते हुए सही समय और पार्टी में चल रही प्रत्याशी चयन को लेकर खींचतान के शांत होने तक अभी चुप रहने में भलाई समझ रखा है। प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में चुनाव के लिए गठित विभिन्न समितियां की लगातार बैठक ले रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी तमाम बैठको में शामिल हो रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार पहले चरण में कांग्रेस पार्टी 15 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है। इनमें वो 5 सीट भी शामिल है, जहां केवल एक एक दावेदार ने टिकट के लिए आवेदन किया है। बांकी मौजूदा मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत का नाम शामिल है। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पाटन सीट से भूपेश बघेल के अलावा किसी और कांग्रेसी नेता ने आवेदन नहीं किया है। इसी तरह मंत्री उमेश पटेल की खरसिया विधानसभा सीट, आबकारी मंत्री कवासी लखमा की कोंटा विधानसभा सीट, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे की साजा विधानसभा सीट और गुलाब कमरों की भरतपुर सीट शामिल है, जंहा पर किसी दूसरे नेता ने आवेदन नहीं किया है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी इडी और आई टी जैसे केन्द्रीय जांच एजेंसियों को कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। लिहाजा पार्टी राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने का इंतजार में बैठी हुई है। हाल के दिनों में लगातार हो रही छापा मारी के चलते कांग्रेस पार्टी को डर है कि यदि विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सुची जारी कर दिए जाएंगे तो कई कांग्रेसी प्रत्याशी जांच एजेंसियों के लपेटे में लिपट जायेंगे। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए कांग्रेसी नेताओं को सुरक्षित माहौल देते हुए चुनाव का आगाज करना कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है।
ऐसे में देखना यह कि कांग्रेस पार्टी तमाम तरह की मुश्किलों को पार करते हुए क्या 75 पार का आंकड़ा पार कर पाती है या फिर नहीं।

 

anutrickz

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