
बड़े बुजुर्ग कह गए हैं कि समाज वो गंगा है जिसके आंचल तले समस्त प्राणी जगत का विकास होता है। शायद इसलिए समाज के पंचों को परमेश्वर का दर्जा प्रदान किया गया है। वर्तमान समय के दौरान आज परस्थिति इस कदर खराब हो गई है कि ज्यादातर पंच परमेश्वर ज्यादातर समय के दौरान नशे में चूर होते हैं। चाहे वह पद का नशा हो,या फिर पैसा का नशा। अब शराब का नशा तो आज के वर्तमान दौर में आम बात हो गई है। ऐसे में चिंता की बात यह है कि गंगा रूपी समाज में बैठे पंच परमेश्वर क्या समाज को एक बेहतर सभ्य और सुसंस्कृत समाज बनाने हेतू काम कर सकेंगे। गौरतलब हो कि बालोद जिले के गुरूर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत खर्रा में कथित तौर एक पंच और एक महिला की वायरल आडियो को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गोलेंदा भांटा बारी के नाम से मशहूर इस आडियो को लेकर बताया जा रहा है कि इस वायरल आडियो के चलते पूरा गांव दो हिस्सों में बंट चुका है। एक गुट दूसरे गुट के लोगों के साथ कुछ ना कुछ घटना को आये दिन अंजाम दे रहे हैं। जिसके चलते पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्राम पंचायत सरपंच राधिका साहू की मानें तो इस मामले के चलते पूरे गांव का माहौल खराब हो चुका है गांव में महिलाएं और पुरुष साथ ही बच्चों तक में गहरा असर देखने को मिल रहा है। लोग जिधर देखो उधर बस भांटा बारी भांटा बारी का रट लगाते है। गांव वाले वायरल ऑडियो सुनने के बाद जिस व्यक्ति के ऊपर शंका जाहिर कर रहे है, वह गांव के एक जिम्मेदार पंच पद पर पदस्थ है,अगर इस ऑडियो में उस व्यक्ति का आवाज नही हैं। तो उसे स्वयं आगे आकर उस आवाज की जांच हेतु शिकायत करना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह आवाज उसका नही है किसी ने आपसी दुश्मनी भुनाने के कारण आवाज का डबिंग कर मेरी छवि को धूमिल कर रहा है,तो फिर शिकायत करने से क्यो कतरा रहे है। आखिर इस तरह से स्वयं की चुप्पी और खामोसी पर पर्दा डालना भी उचित नही है बस यही बात गांव वालों के मन मे शंका का मुख्य वजह बना हुआ है। ऊपर से कुछ ग्रमीणों के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजवा कर डराने का प्रयास कर रहे है,जिसका सबसे बड़ा कारण यही है कि ग्राम खर्रा में कुछ दिनों से लोगो के मध्य आपसी लड़ाई झगड़ा आए दिन हो रहे है।कुल मिलाकर देखा जाए तो इस अंशाति का पूरा जड़ वायरल आडियो है। इस वायरल आडियो को लेकर जिन लोगों पर आरोप लगाया जा रहा है उनकी मानें तो वायरल आडियो में आवाज उनका नहीं है। इसी बात को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है। लोगों की मांग है कि वायरल आडियो में शामिल लोगों का आवाज आरोपियों की आवाज से मैच या जांच कराई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। बहरहाल इस पूरे मामले की जानकारी गुरूर पुलिस की कानों तक भी पहुंच गई है और इस मामले से जुड़ी हुई शिकायतों पर जांच कर रही है। ऐसे में खर्रा के ग्रामीणों को अब गुरूर पुलिस से ही उम्मीद होने की बात कही जा रही है।