धमतरीः-कहा जाता है कि कोई भी नियम कायदे छोटे और निचले स्तर के ही लोगों के लिए लागू होता है बड़े लोगों के लिए नियम कायदे कोई मायने नही रखता। कुछ ऐसा ही वाक्या इन दिनों धमतरी शहर में देखने को मिल रहा है जिसके सामने शासन प्रशासन भी बौने नजर आ रही है क्योंकि वो रसूखदार है और रसूखदार के साथ साथ एक नेता का बेटा भी है शायद यही एक वजह है जिसके कारण कार्रवाई नही हो रही है यदि यही कोई आम व्यक्ति होता तो शायद अब तक कार्रवाई हो जाती। दरअसल धमतरी सिहावा स्टेट हाईवे में एक बड़का नेता के बेटे का धरमकांटा है।धरमकांटा तो ठीक है क्योंकि वो उनका व्यवसाय है लोगों उनके इस व्यवसाय से कोई परहेज भी नही है। आवाम तो बस यही चाहते है कि उन्हे किसी प्रकार के दिक्कत या परेशानी न हो,लेकिन इन दिनों नेताजी के लाडले की लापरवाहियों का नतीजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बताया जाता है कि इनके धरमकांटा में रोजाना रेत से भरी हाईवा व ट्रके पहुंचती है चुंकि यह रेत दीगर राज्यों में भेजा जाना होता है लिहाजा बराबर उसकी नापतौल की जाती है। अगर रेत ओवरलोड होती है उन्हे आसपास ही खाली कर दिया जाता है। यहां तक तो ठीक है इससे जनता को कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। दिक्कत कब होती है जब रेत फैलकर धमतरी सिहावा स्टेट हाईवे में बिखर जाती है और इससे सड़क दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां पर एक कहावत भी चरितार्थ होते दिखती है कि ’एक तो करेला उपर से दूसरा नीम’ चढ़ा क्योंकि इस मार्ग में पहले से लोग धूल से परेशान है और अब सड़क में फैले रेत के कारण होने वाले धूलो से अलग परेशान हो रहे है। रेत फैला है तो मवेशी भी उस पर बैठकर इसके मजे लेते रहते है और जनता परेशान। चुंकि वह बड़का नेता के बेटे है इसलिए लोग भी खुलकर बोलने से बचते है कि कही नेताजी बुरा न मान जाएं। आलम ये है कि सड़क में फैले रेत के कारण लोग आए दिन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है इसके अलावा यातायात व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ रहा है लेकिन मजाल है कि निगम प्रशासन इस पर कोई एक्शन ले।
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रसूखदार के लापरवाही पर निगम प्रशासन मौन.....क्या बड़ी घटना होने का इंतजार कर रही है प्रशासन