बालोद/गुरूर -: आज जमीन की उपयोगिता क्या है यह बताने की आवश्यकता नहीं है। बढ़ती हुई जनसंख्या के बीच लगातार खेती और रहने लायक जमीन की उपलब्धता को लेकर धरती पर दबाव बढ़ रहा है जिसका असर पूरे धरती पर देखा जा सकता है। ज्यादातर लोग जमीन संबंधी विवाद को लेकर आपस में लड़ मर रहे हैं। ऐसे में यह समझना आसान हो जाता है कि तेजी के साथ घटती हुई रहने व खेती लायक जमीन और लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या के बीच जमीन लूटने वाले गिरोह की निगाह जमीन पर बनी हुई है और यदि वह जमीन सरकारी निकली तो लूटने वाले गिरोह के सरगना की बल्ले-बल्ले होना तय है। दूसरे की जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने वाले लोगों पर कानूनी कार्यवाही होना चाहिए चाहे वह कोई भी हो प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे लोगों को कानून के हवाले करना चाहिए ताकि समाज के मध्य ऐसे कृत्य करने की मंशा रखने वाले लोगों को सबक मिल सके, लेकिन लोगों के द्वारा बताया जाता है कि ज्यादातर जमीन से जुड़े हुए लुट के मामलों में इन लुटेरो को प्रसाशानिक अधिकारियों से चुंबन की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में सवाल यह है कि ऐसे लुटेरो को प्रसाशानिक अधिकारियों का चुंबन लेना और देना क्या उचित है। हालांकि हमें यह नहीं पता है कि चुंबन किसने दिया और किसने लिया लेकिन गुरूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सरबदा के चुम्मन सिन्हा के द्वारा सरकारी जमीन को बेंच खाने को लेकर शिकायत दर्ज कराने के बावजूद जिस तरह से महाठग चुम्मन सिन्हा डंके की चोंट जिस तरह से बात कहता है उसे देखकर लोगों के द्वारा कही सरकारी जमीनों को लाखों रुपए में बेंच खाने वाला सरबदा के महा ठग चुम्मन सिन्हा को किसका चुंबन प्राप्त है।
हालांकि यह संभव नहीं है क्योंकि गुरूर तहसील में मौजूद राजस्व विभाग के अधिकारी दिन-रात मेहनत करते हुए देखे जा रहे हैं वह भी बगैर चुंबन के लेकिन चुम्मन सिन्हा पर मेहरबानी क्यों यह एक बड़ा सवाल है। इससे पूर्व चुम्मन सिन्हा कई ग्राम पंचायत के सरपंचों और गुरूर विकासखंड क्षेत्र के जनपद सदस्यों को लाखों रुपए का चूना लगा चुका है। पल भर में बड़े बड़े लोगों को अपनी झूठी बातों से रिझाकर चुना लगाने में महारत हासिल करने वाले इस महान सख्सियत को ग्राम सरबदा के नागरिकों ने ग्रामीण अध्यक्ष बनाया वह भी पूरा विश्वास और भरोसा के साथ लेकिन भरोसा और विश्वास में छेदा करने में माहिर चुम्मन सिन्हा सरकारी ही जमीन को बेंच खाया। मामले को लेकर ग्रामीणों की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है लेकिन मामले में अबतक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है जिसके चलते ग्रामीण खासे नाराज बताए जा रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो चुम्मन सिन्हा मामले से सवाल पुछने पर कोई माकूल जवाब देने के बजाए जो उखाड़ना है उखाड़ लो कहते हुए नजर आता है।