सांसद प्रतिनिधि को बदनाम करने हेतू तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर विधवा महिला की कंधों का इस्तेमाल किए जाने की सूचना।
सूत्रों की मानें तो भाजपा नेताओं के मध्य में आपसी गुटबाजी को बढ़ावा देने व तालमेल में कमी लाने हेतू भाजपा मंडल गुरूर महामंत्री एवं सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र कुमार साहू की बढ़ती राजनीतिक लोकप्रियता को बदनाम करने की नियत से कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं को बकायदा बरनाल लेकर घुमना पड़ रहा है।
जिसके चलते इस युवा पीढ़ी के लोकप्रिय युवा नेता को बार बार पीछे से नीचे खींचा जा रहा है ताकी उनसे आगे यह नेता निकल ना सकें और जीवन भर दरी बिछाने का काम करते रहे।
बालोद : जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदिक आ रहा है,वैसे वैसे सियासी सरजमीं पर जन सेवा करने का ढोंग रचने वाले हमारे प्रिय जन प्रतिनिधि अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति हेतू अन्य दूसरे प्रतिद्वंद्वी नेताओं पर किचड़ फेंकने की शुरुआत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान एक ओर विपक्षी दल के नेता सत्ता धारी राजनीतिक दल के नेताओं किचड़ फेंक रहे हैं तो वंही सत्ताधारी दल के नेता विपक्षी भाजपा के नेताओं पर किचड़ फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं। वैसे चुनाव नजदीक हो तो लगभग हर नेता दूसरे नेता को जनता के समक्ष नीचा दिखाने हेतू इस तरह की हथकंडे अकसर अपनाते हुए देखें जाते हैं। एक नेता अखबारों के जरिए दूसरे नेता की पोल खोलने का प्रयास करता है तो वंही दूसरे नेता जनता के मध्य जाकर नेता पोल खोलने वाले नेता की दुखती रग पर हाथ रख देता है। यानी कि अवैध सट्टा,शराब कारोबार की काली कमाई को लेकर। भई सामने चुनाव हो तो इस तरह से किचड़ अखबारों के सफेद कागज से निकल कर नेताओं के सफेद दामन को कब दागदार कर जाए कहा नहीं जा सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सियासी गलियारों में स्वार्थ सिद्धि राजनीति करने वाले लोग अपनी स्वार्थ की पूर्ति हेतू किसी भी स्तर पर गिर जाएं। राजनीति में किचड़ फेंकने की एक मर्यादा होती है क्योंकि हर दूसरे नेता एक दूसरे से किसी ना किसी जरिए आपस में मिले होते हैं और राजनीति में कोई स्थाई दोस्त और दुश्मन नहीं होते हैं इसलिए राजनिति में झीझड़ पन की भी एक मर्यादा है। लिहाजा इस मर्यादा के विपरित किसी भी राजनेता को आचरण नहीं करना चाहिए। बिते दिनों संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र कुमार साहू को लेकर सोसल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई है। वायरल खबर संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की सियासी गलियारों से निकल कर आम लोगों के बीच आग की तरह फैल गई है। वायरल खबर के अनुसार कांकेर लोकसभा सांसद मोहन मंडावी के सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र कुमार साहू ने सांसद निधि से मिलने वाली स्वेच्छानुदान राशि में हितग्राहियों से कमीशनखोरी को अंजाम दिया है। उक्त खबर में लगाई गई आरोप का आधार ग्राम पंचायत परसुली निवासरत एक गरीब बेबस विधवा महिला पुष्पा नागवंशी को बताया है। दरअसल साल भर पहले पुष्पा नागवंशी पति मनोज नागवंशी का कोरोना काल के दौरान कोरोना से मौत हो जाने के चलते सांसद निधि से गरीबों को मिलने वाली स्वेच्छानुदान राशि के लिए सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र कुमार साहू के समक्ष गई थी। पुष्पा नागवंशी की वस्तु स्थिति के विषय में जानकारी मिलते ही तत्काल अजेन्द्र कुमार ने सहयोग का हाथ बढ़ाया जिसके चलते पुष्पा नागवंशी को सांसद स्वेच्छानुदान की राशि उनके खाते में जमा हो गई। बैंक खाते से पैसा निकालने के बाद पुष्पा नागवंशी कोरोनाकाल में हो रही मौतों को देखकर आहत हो गई और इस दौरान इस महामारी से पिड़ित रहने वाले परिवारों के लिए पांच हजार रुपए में से एक हजार रुपए दान में देने की बात कहते हुए ग्राम पंचायत सरपंच मोतीराम देवांगन को यह कहते हुए दे दिया कि इस पैसे को वह अजेन्द्र कुमार साहू को दे उनकी ओर से ताकि महामारी से पिड़ित रहने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता मिल सकें। पुष्पा नागवंशी के द्वारा छोड़ी गई एक हजार रुपए को आजतक भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और सांसद प्रतिनिधि अजेन्द्र कुमार साहू को नहीं मिला है। बल्कि ग्राम पंचायत सरपंच मोतीराम देवांगन के द्वारा पुष्पा नागवंशी के द्वारा एक हजार रुपए दान देने की बात सुनने के बाद उसी पैसों को किसी दूसरे गरीब को सहायता देने की बात कही जिस पर ग्राम पंचायत परसुली के चोवाराम यादव को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान किया गया है। मामले में सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र कुमार साहू की राजनीतिक लोकप्रियता से घबराये लोगों ने उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने की नियत से एक असहाय विधवा महिला के कंधे पर रख बंदूक चलाया है जबकि महिला को यह बताया नहीं गया है कि उनकी बातों का इस्तेमाल करते हुए खबर प्रकाशित की जावेगी। पुष्पा नागवंशी की मानें तो उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। मैं आज भी यह कहती हूं कि यह राशि मैंने खुद अपने इच्छा से दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह कमीशनखोरी का पैसा है। मैं गरीब मजदूर परिवार की असहाय महिला हूं मुझे किसी की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मेरे पति का देहांत हुआ था तब मेरे पास करने के लिए कुछ भी नहीं था। यदि कोरोनाकाल नहीं होता तो हम समाजिक पंरपंरा अनुसार शोक कार्यक्रम आयोजित करते, लेकिन कोरोनाकाल होने के चलते हम अपने गांव वाले लोगों को अपने दुख के समय में नहीं बुला सके। मुझे इस बात का मन में पीड़ा है और इसलिए मुझसे जो बन पाया वह समाज के भलाई हेतू दान में दिया है। मामले में राजनीतिक दुष्प्रचार की बात कहते हुए ग्राम पंचायत सरपंच परसुली मोती राम देवांगन ने भी अपना पक्ष रखते हुए कमीशनखोरी से साफ इंकार किया है। मोतीराम देवांगन की मानें तो पुष्पा नागवंशी ने जो मुहिम शुरू किया है वह काबिले तारीफ है। समाज को इससे सिख लेना चाहिए। वंही भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र कुमार साहू ने आरोप को निराधार बताते हुए घटिया राजनीति की संज्ञा प्रदान किया है।
अजेन्द्र साहू (सांसद प्रतिनिधि एवं भाजपा महामंत्री)
बता दें कि संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजनीतिक रण भूमि क्षेत्र के नाम से मशहूर गुरूर विकासखंड क्षेत्र में वर्तमान समय के दौरान कांग्रेस पार्टी की घटिया नितियों पर सवाल खड़े करने वाले बहुत कम लोग हैं। विपक्षी राजनीतिक दल की हैसियत से बात करें तो एक्का-दुक्का भाजपा नेताओं को छोड़कर बांकी भाजपा नेता ओपन और क्लोज में लिप्त पाए जाते हैं लिहाजा प्रशासनिक अकर्मण्यता के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों में अजेन्द्र कुमार साहू और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संध्या साहू का नाम शुमार है। ऐसे में राजनीतिक लाभ उठाने की नियत से उन्हें बदनाम करने हेतू इस तरह की प्रप्रोगंडा प्रायोजित किया गया है।