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धमतरी कलेक्टर से संभव नही रेत माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करना,, क्या सीएम के खास है रेत माफिया??

चंद्रप्रकाश सिन्हा की रिपोर्ट 
छत्तीसगढ़/धमतरी- धमतरी जिला इन दिनों अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के लिए काफी चर्चा में है। जहां पर्यावरण मंत्रालय के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए धमतरी जिलें के चारो विकास खंड में नियम विरुद्ध अवैध रेत उत्खनन धडल्लें से चल रहा है। खासकर ,धमतरी, कुरूद और मगरलोड में तो यैसा लगता है मानों स्वयं जिला प्रशासन अवैध रेत उत्खनन करा रहा हो।
            सूत्रों की मानें तो धमतरी में चल रहे अवैध रेत उत्खनन से सीएम भूपेश बघेल अनजान नही है। जानकारों का तो यहां तक कहना है की अवैध रेत उत्खनन में शामिल लोग सीएम के खास है,उनके खिलाफ कार्यवाही संभव ही नही है। 
       जिसके दबाव के चलते धमतरी जिला प्रशासन पुरी तरह विवश नजर आ रही है। 
     अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के खिलाफ ना तो धमतरी कलेक्टर के व्दारा सक्त कार्यवाही के निदेश दिये जा रहे है। ना ही जिला खनिज अधिकारी के व्दारा कार्यवाही किया जा रहा है। ना ही एसडीएम और तहसीलदार के व्दारा कार्यवाही किया जा रहा है। 
   वही जिलें में हो रहे विभिन्न उत्खनन के लिए, चाहे अवैध रेत उत्खनन व परिवहन के खिलाफ हो, पूर्व कलेक्टर के व्दारा एक टीम तैयार किया गया था। जहां फोन से शिकायत मिलने पर टीम के व्दारा तत्काल कार्यवाही भी किया जाता था।
         वही पूर्व खनिज अधिकारी सनत कुमार साहू व्दारा भी लगातार कार्यवाही किया जा रहा था। जिसके चलते रेत माफिया चोरी चुपके अवैध रेत उत्खनन करते थे। जैसे ही खनिज अधिकारी सनत साहू व खनिज इंस्पेक्टर खिलावन कुर्लाया निरिक्षण में निकलते थे रेत माफिया जेसेबी मशीन को नदी के पार में चढ़ा लेते थे। लेकिन धमतरी में जबसे बजरंग पैकरा ने खनिज विभाग की कमान संम्हाली है। तब से रेत माफिया मनमाने तरीकें से और धडल्लें से महानदी का सीनाचीर रेत उत्खनन कर रहे है। और खनिज विभाग के कार्यवाही का ड़र सनत साहू के समय देखने को मिलता था। ओ अब समाप्त हो चुका है। अब तो रेत खदानों में 24 घंटा जेसेबी मशीन को देख सकते है।
      वही पत्रकारों के एक ग्रुप में अवैध रेत उत्खनन और ओवरलोड परिवहन के खिलाफ ना छापने और मौन रहने पर रेत माफियाओं व्दारा लाल डायरी मेटेंन करने की भी बातें सामने आ रही है। 
   अब इन बातों में कितनी सच्चाई है। ये तो ओ डायरी के सार्वजनिक होने पर ही पता चल पायेगा।
      बहरहाल धमतरी जिला में जिस तरह से अवैध रेत उत्खनन, अवैध मुरूम उत्खनन, अवैध पत्थर उत्खनन और अवैध प्लाटिंग का कारोबार धडल्लें से चल रहा है। जिस पर जिला प्रशासन कोई नियंत्रण नही कर पा रहा है। जो संदेह को जन्म दे रहा है।
      वही अवैध रेत उत्खनन के कारण क्षेत्र की सड़क काफी जर्जर हो चुका है जहां आए दिन लोग सड़क दुर्घटना का शिकार होकर असमय काल के गाल में समा रहे है।
          वही वनांचल में बसें आदिवासी ग्रामीणों को अपने मुलभुत सुविधा सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित है। जिनकी मांग लेकर कलेक्टर के पास पहुंचते है। अभी हाल ही का मामला जहां 110 गांव के ग्रामीण चिलचिलाती तेज धूप में पहुंचे थे। लेकिन कलेक्टर नही आये उनके प्रतिनिधि आये थे जिससे नराज ग्रामीण वापस चलें गये थे।
      अब ये चर्चा आम हो गई है की जनता का रखवाला, जिला का मुख्या कलेक्टर सौकड़ों ग्रामीणों से भी नही मिलते,, ना ही अवैध कारोबार में अंकुश लगा रहे है,, ना ही अवैध रेत उत्खनन में ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रहे है। आखिर क्या है वजह??

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