नगर पंचायत गुरूर में पार्टी के खिलाफ जाने पर भाजपा पार्षद की पार्टी से छुट्टी लगभग तय।
गुरुर:- बिते कई महीनों से लगातार नगर पंचायत गुरूर के विपक्षी भाजपाई पार्षदों के मध्य आपस में ही अनबन होने की सूचना प्राप्त हो रहा था। एक फूलभैय्ये दूसरे फूलभैय्ये पर जबदस्ती के किचड़ फेंकते हुए देखे जा रहे थे। कारण यह बताया जाता रहा है कि नगर पंचायत गुरूर में मौजूद तमाम भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों में से एक पार्षद पार्टी की विचारधारा से विपरीत सत्ताधारी राजनीतिक दल के नेताओं की इशारे पर उनके विचारधारा को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है। मशलन जुंआ सट्टा और शराब। हालांकि भाजपाई पार्षद पर लगाया गया यह आरोप कंहा तक सच है यह कहा नहीं जा सकता है, लेकिन जो सच्चाई है उसे आज नहीं तो कल एक दिन सबके सामने आ ही जायेगा। भाजपाई पार्षद का सत्ताधारी पार्टी की नेताओं से मिले होने के चलते भारतीय जनता पार्टी नगर पंचायत गुरूर के अंदर कांग्रेस पार्टी की हासिये में रहने के बावजूद ज्यादा कुछ नहीं कर पाई। वंही ज्यादातर भाजपाई पार्षद आज के वर्तमान दौर में नगर पंचायत गुरूर में अनदेखी का शिकार बन कर रह गए हैं। हालांकि इससे पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू जब तक अध्यक्ष पद पर तैनात रही तब तक भाजपाई पार्षदों को ज्यादा अनदेखी का शिकार नहीं होना पड़ा है। चूंकि पूर्व अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू कांग्रेस पार्टी से वैसे भी नाराज चल रही है थी। कहा तो यहां तक भी जाता है कि उनकी और स्थानीय विधायक के मध्य किसी बात को लेकर ठन गई थी। जिसके चलते बात इतना बिगड़ गई कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गुरूर टिकेश्वरी साहू को ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हाथ गावानी पड़ी बल्कि नगर पंचायत गुरूर अध्यक्ष पद से भी हाथ धोना पड़ा है। हालांकि मामला इस वक्त हाईकोर्ट में जारी है बताया जा रहा है, लेकिन देर सवेरा।आज नहीं तो कल सच्चाई सबके सामने बाहर निकल कर आयेगी इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। बहरहाल आज एक बार फिर नगर पंचायत गुरूर में गहमा-गहमी और अफरा तफरी का माहौल देखने को मिला है। विश्वनिय सूत्रों की मानें तो नगर पंचायत गुरूर में नगर पंचायत उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का आयोजन आज जिला प्रशासन के द्वारा किया गया है। जिसमें कांग्रेस पार्टी को एक फिर बड़ी सफलता हासिल होने की सूचना प्राप्त हुई है। हालांकि भाजपा पार्षदो की एकजुटता के सामने कांग्रेस पार्टी के लिए यह मुमकिन नहीं था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने भाजपा की एकजुटता पर सेंध लगाते हुए एक भाजपाई पार्षद को जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित नगर पंचायत उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने से रोक दिया। जिसके चलते भाजपा की मंसूबा और प्लान बुरी तरह प्रभावित होने की बात कही जा रही है। मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी मंडल गुरूर और नगर पंचायत गुरूर में मौजूद सभी भाजपाई पार्षदों ने बैठक आहूत कर पार्टी के खिलाफ काम करने वाले वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद मुकेश साहू को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से पृथक करने का प्रस्ताव पारित किया है और मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष को पत्र के माध्यम से जानकारी भेजा गया है।