गुरुर-: जिले के अंदर राजनीतिक रण भूमि क्षेत्र के नाम से मशहूर गुरूर विकासखंड मुख्यालय जंहा पर स्थित नगर पंचायत एक बार फिर चर्चा में हैं। वैसे नगर पंचायत गुरूर किसी ना किसी मामले को लेकर हमेशा से खबरों की बाजार में गर्माहट बरकरार रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आ रही है। वंही ताजा मामले को लेकर नगर पंचायत गुरूर एक बार फिर चर्चा में हैं। सूत्रों की मानें तो बिते दिनों स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा एवं पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा जी का भतीजा मनोज सिन्हा जो कि गुरुर व्यपारी संघ का अध्यक्ष है।जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाई जाने की सूचना है। यह कार्यक्रम स्थानीय विधायक कार्यलय के बाहर बस स्टैंड पर आयोजित होने की जानकारी प्राप्त हुई है। मामले को लेकर लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि जिस दिन यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उस दिन नगर पंचायत गुरूर के द्वारा आनन-फानन में स्ट्रीट लाइट की बड़ी बड़ी फौज नगरवासियों को सौगात स्वरूप भेंट किया है, हड़बड़ी इतनी ज्यादा थी कि लाईट की सिस्टम तिरंगे की रंग में जगमगाते हुए पूरी तरह से पोल में अलग थलग जलने लगे यानि कि कई पोल में गलत तरीके से लाईटो का प्रदर्शन प्रतित हो रहा था। आखिर इतनी जल्दबाजी क्यो ये तो ऐसा हो गया जैसे गुरुर नगर में स्वयं के खर्चों से पोल और स्ट्रीट लाईट लगवाकर जन्मदिन मनाने जा रही हो। जबकि एक ही दिन में इस तरह की व्यवस्था नगर पंचायत गुरूर के द्वारा कभी इतिहास में नहीं किया गया है। यकिनन रूप से नगर पंचायत गुरूर का यह कारनामा लोगों के लिए संदेह का एक बड़ा कारण बना हुआ है। साथ ही सरकारी योजनाओं में नेताओं की संलिप्तता घपले और धांधली की ओर इशारा करती है। ऐसे में मामले को लेकर लोगों की ओर से कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। उक्त मामले को लेकर भाजपा पार्षद चिंता राम साहू ने नगर पंचायत गुरूर और स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि नगर पंचायत गुरूर में आज तक जितना भी शासकीय कार्य हुए हैं। उन तमाम कार्यों में स्थानीय विधायक की भूमिका प्रमुखता से रहती है जबकि हम नगर के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। हमें जन्मदिन की कार्यक्रम स्थल तक बुलाया गया लेकिन हम सिर्फ एक ही दिन में चालू होने वाले स्ट्रीट लाइट के बंद चालू होने वाले बटन तक गए क्योंकि उदघाटन भी तत्काल किया जा रहा था।वंही मामले में नगर पंचायत सी एम ओ ज्यादा कुछ बोलने से बचते हुए साफ देखें जा रहे हैं। मामले को लेकर हमने उनसे संपर्क किया तो वह ज्यादा कुछ बोल नहीं पाए। अब सवाल यह है कि आखिरकार नगर पंचायत गुरूर मामले को लेकर ज्यादा कुछ बोलने से क्यों बच रही है। क्या गुरूर नगर के अंदर मौजूद लोगों को बिते दिनों दिखाई दिया है वह किसी भी मायने में निस्वार्थ राजनीति का उदाहरण है। महिनों से नगर पंचायत गुरूर में विवाद और चोली दामन का रिश्ता देखने को मिला है। ऐसे में ज्यादातर लोग अब इस विवाद का कारण सत्ता धारी राजनेताओं को मानते है। अब देखना यह है कि मामले की असल सच्चाई क्या है।@ विनोद नेताम