सड़क दुर्घटना पर बवाल,कुंभकर्णी नींद में तल्लीन होकर चालान कांटने में व्यस्त है 'यातायात परिवहन विभाग...!
बालोद : जिला के अंदर मानो कुछ दिन से यमपुरी के महराज भगवान यमराज जी कुछ ज्यादा ही कृपा बरसाने पर अमादा हो गए हैं। जिसके चलते शायद उनके द्वारा धड़ाधड़ लोगों को सड़क दुर्घटनाओं में निपटाने का फरमान जारी कर रखा है। जिला के अंदर लगभग चारों दिशाओं में आये दिन लोग सड़क दुर्घटनाओं में स्वर्ग सिधार रहे हैं। लगातार होने वाली दुर्घटनाओं में क्या बच्चे, क्या महिलाएं, क्या पुरूष और क्या बुढ़े वृद्ध जो भी व्यक्ति इसके चपेट में आ रहे वे ज्यादातर लोग यमपुरी महराज यमराज के दूतों द्वारा निपटाए जा रहे हैं। इस दौरान कोई मंदिर से घर लौट रहा था तो कोई पूरे परिवार सहित शादी की खुशी मनाने रिश्तेदार के यहां मेहमान बनकर जा रहा था तो कोई कुछ और वजह से कंही आ जा रहा था, लेकिन होनी को कुछ और होना मंजूर था। निश्चित तौर पर सड़क दुर्घटनाओं में लोगों का इस तरह से दर्दनाक मौत हो जाना बहुत ही दयनिय सिलसिला है,जो जिला के अंदर खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।लगातार जिला के सड़कों पर तेज रफ्तार से चलने वाली वाहनों से सड़क दुर्घटनाएं आए दिन घट रही है। जिसके चलते आए दिन जिला के अंदर किसी ना किसी परिवार में मातम पसर रहा है। इस बीच कंही किसी बुढ़े कंधों का सहारा छिन गया है, तो वंही कंही पर किसी मासूम के सर से मां बाप का साया छूट जा रहा है। निश्चित रूप से लगातार बढ़ती हुई सड़क दुर्घटना समाज को किसी ना किसी रूप में आहत कर रही है, लेकिन बढ़ती हुई लगातार सड़क दुर्घटना का कारण क्या हो सकता और बढ़ती हुई दुर्घनाओं को कैसे कम किया जा सकता है। यदि हम इस विषय को लेकर चिंतित करें तो शायद कुछ दुर्घटना कम हो सकती है और यमराज जी वापस किसी दूसरे दिशा में निकल सकते हैं। आमतौर देखा जाता है, कि जिला के अंदर यातायात परिवहन विभाग बड़े बड़े पोस्टर बैनर के साथ सड़क किनारे वाहन खड़ा करके आने जाने वाहनों की अक्सर चेकिंग करते हुए संबंधित दस्तावेज और चलान कांटते हुए लोगों को दिखाई देते है। इस दौरान यातायात विभाग के द्वारा सभी वाहन चालकों से यातायात परिवहन विभाग के द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन कठोरता से करने का लंबा चौड़ा उपदेश सहित मुफ्त में चालान का रसिद भी देते हुए पाए जाते है,लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस ऐंजेटो के हवाले से बैगर मानक ड्राइविंग परिक्षण के ड्राइविंग लाइसेंस आंबटित करने वाले विभाग यातायात परिवहन क्या लोगों से यह उम्मीद रख पाता होगा कि उनके द्वारा सुझाए गए यातायात परिवहन संबंधित नियमों को लोग सही मायने में पालन भी करते होंगे। चूंकि ज्यादातर लोगों को जिला यातायात परिवहन विभाग बालोद नियम के विपरित जाकर ड्राइविंग लाइसेंस ऐंजेटो के मार्फत बनाए जाने का रिवाज लागू कर रखा हुआ है। इस रिवाज के तहत एंजेट गांव गांव में घुम घुम कर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों से चार हजार रूपए से लेकर छः हजार रुपए तक में ड्राइविंग लाइसेंस बांट रहे हैं। वैसे भी आज के वर्तमान युग में प्रायः प्रायः ज्यादातर लोगों के पास वाहन है और वाहन को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता जग जाहिर है। ऐसे में घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस का जुगाड़ करने वाले लोग क्या यातायात परिवहन विभाग के द्वारा बनाई गई सड़क सूरक्षा नियम को जानते भी होंगे। मामले में जिला यातायात परिवहन बालोद एवं बैगर मानक ड्राइविंग लाइसेंस ऐंजेटो के मार्फत बनाने वाले लोगों को सही मायने में परिक्षण की आवश्यकता बताई जा रही है। चूंकि आशंका जताई जा रही है कि बैगर परिक्षण प्राप्त लोगों की सड़क का गलत तरीके से उपयोग करने से दुर्घटना बढ़ती है।
ऐसे में शासन और इस विषय में विशेष ध्यान देवें। वंही जिला के अंदर मौजूद ज्यादातर छोटे मोटे दुकान से लेकर ज्यादातर सड़क किनारे पर स्थित होटल और ढाबा में शराब परोसने की खबर जग जाहिर है साथ ही पुलिस महकमा की मिलीभगत भी जग जाहिर है। 
इन तमाम जगहों से ज्यादातर बेवड़े शराब पीकर सड़क पर तेज गति से या अनियंत्रित रफ्तार से वाहन चलाते हुए खुद के साथ दूसरे लोगों को भी सड़क दुर्घटना में ठोंक रहे हैं। जिला में पिछले दिनों हुई सड़क दुर्घटना ने सभी लोगों का ध्यान खींचा है। राज्य के अंदर मौजूद ज्यादातर नेता पिड़ित परिवार के परिजनों से दुख की घड़ी में संवेदना देने हेतू लगातार पहुंच रहे है,लेकिन नेताओं के पहुंचने से जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई हो जायेगी ऐसा संभव नहीं हो सकता है, 
बल्कि दुख और संवेदना व्यक्त करने वाले नेताओं को यह तय करना होगा कि आगे इस तरह की और दुख किसी भी परिवार को देखना ना पड़े। चूंकि की कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद जिला में अवैध शराब की घटनाएं और घटना में पुलिस महकमा की संलिप्तता की बात अक्सर लोगों के मुंह से सुनाई देती है। ऐसे में घड़ियाली आंसू के सहारे राजनीतिक जिम्मेदारी की खोखले दावे करते हुए आम जनता की संपत्ति हासिल करने की मंशा रखने वाले नेताओं को अपनी गिरेबान में एक बार झांक कर देखने की आवश्यकता है ताकि जनता सुरक्षित क्यों नहीं है इसकी मायने को समझा जा सकें।
सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी सामने आ रही है कि जिला में अवैध शराब कारोबार को चरम पर पहुंचाने हेतू किसी विधायक के रिश्तेदार का महत्वपूर्ण भूमिका है। रात के अंधेरे में गांव गांव तक सत्ता धारी राजनीतिक दल के एक जिम्मेदार नेता की रिश्तेदार लोग ही जुटे हुए होने की बात कही जा रही है। हालांकि मामले की असल सच्चाई क्या है यह तो सही तरीके से जांच करने पर ही सामने आ सकता है,लेकिन जब नेता और पुलिस ही इस कारोबार को संरक्षण देने में तुला हुआ हो तब जांच की बात कहना लाजमी नहीं हो सकता है।