रायपुर : कांग्रेस पार्टी ने बिते दिनों कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसीयो की सूपड़ा साफ करने का दावा करने वाले सभी फूल भैय्ये भाजपाई नेताओं को जमकर मजा चखाया है इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। जब से नरेंद्र मोदी की सरकार देश की सियासी सरजमीं पर काबिज हुई है, तब से गाहे-बगाहे जगह जगह भाजपाई नेताओं को कांग्रेस मुक्त भारत का रट लगाने का शौंक चढ़ा हुआ देखा व पाया गया है। जबकि माना जाता है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष का रहना जरूरी होता है।पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी की मानें तो सरकारे आयेगी जायेगी, पार्टी बनेगी बिगड़ी,लेकिन देश में लोकतंत्र मजबूत रहना चाहिए,आज अटल जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्ही की पार्टी के सरकार इस वक्त केन्द्र की सत्ता पर काबिज है, जिन पर लगातार भारतीय विपक्षी राजनीतिक दल सत्ता का गलत उपयोग करने का आरोप लगाते हुए संविधान के साथ छेड़छाड़ करने तक की बात कहती हैं। भाजपा पर कई राजनीतिक दलों ने अपनी पार्टी को खत्म करने का आरोप तक लगाया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बंपर जीत दर्ज करते हुए केन्द्र में मौजूद मोदी सरकार की आंखें खोलकर रख दिया है। निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी के लिए यह बड़ी उपलब्धि है इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए,लेकिन भारतीय राजनीति के अंदर वर्तमान समय में मौजूद नरेन्द्र मोदी की टिम को सबसे बेहतर चुनावी राजनीतिकारो का टिम बताया जाता है, लेकिन भाजपा की जिस तरह से कर्नाटक में लूटिया डूबने से बांकी रह गया है वह किसी भी चुनावी रणनीतिकारो के लिए अध्ययन का विषय है। भाजपा ने कर्नाटक में देनादेश खोया है जनाधार नहीं अतः कांग्रेस पार्टी को विशेष रूप से मोहब्बत की दुकानदारी शुरू करने से पहले अध्ययन करने की आवश्यकता है। अतः कांग्रेस पार्टी के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा जैसे दिग्गज राजनीतिक दल को पछाड़ने के बाद ज्यादा उत्साहित होने के बजाए पार्टी को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है। चूंकि कर्नाटक राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा सरकार के अंदर असामंजस्य स्थिति वाली परिस्थिति बनी हुई थी। राज्य में लगातार भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने की जानकारी लोगों के मध्य गूंजती रहती थी। लिहाजा कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार महज नाटक करने की स्थिति में लोगों को स्पष्ट रूप से दिख रही थी। ऐसे में मोहब्बत की दुकानदारी शुरू करने से पहले कांग्रेस पार्टी को कर + नाटक पर ज्यादा उत्साहित होने के बजाए आगे आने वाले दिनों में देश के अन्य कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावो की तैयारियों पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होना है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार इस वक्त मौजूद हैं। इस दौरान वहां पर आगे आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के द्वारा खोली गई मोहब्बत की दुकानदारी पर जनता को जवाब देने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए राजस्थान एक बड़ी चुनौती बनकर उभर खड़ी हुई है। ज्ञात हो कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सचिन पायलट इन दिनों भ्रष्टाचार के मामले को लेकर पैदल मार्च पर निकले हुए हैं।मामले को कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट की निजी यात्रा बता रही हैं जबकि असल बात कुछ और है। राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के अंदर टी एस सिंहदेव कब क्या बोल दे इसका भरोसा नहीं है ऐसे में कांग्रेस पार्टी को इन दोनों राज्यों में खास ध्यान देने की आवश्यकता महसूस किया जा रहा है। अब देखना यह है कि आगे आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी क्या रवैया अख्तियार करती है।
@विनोद नेताम