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वही अंधाधुंध रेत उत्खनन और अनियंत्रित परिवहन के चलते कोलियारी से लेकर दोनर, बारना सड़क की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है।
और जब इस मामले को लोगों ने उठाया तो रेत माफिया ने सड़क मरम्मत के नाम पर मिट्टी और पुराने मकान का मलबा डाल थूक पॉलिश कर लोगों का मुंह बंद करने की कोशिश कर रहे है। जिसके कारण इस रोड में चलने वालें राहगीर धूल,मिट्टी सन रहे हैं। इस धूल के कारण लोगों को अनेक स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो रही है। किसी को दमा की परेशानी शुरु हो चुकी है तो कोई आँखों की जलन, आँसू, आँखों का सूखना और धूल की वजह से बार बार कीचड़ आना जैसी समस्याएं होने लगी है।
बता दें कि रेत परिवहन की वजह से बर्बाद हुई इस सड़क की मरम्मत के लिए बकायदा गिट्टी का चुरा, मुरूम, रेत आदि का उपयोग करते हुए नियमतः सड़क बनाने की बात हुई थी,लेकिन ठेकेदारों के व्दारा सड़क के गड्ढों और पाई के गड्डों में मिट्टी और पुराने मकान का मलबा डाला जा रहा है।
अति विश्वसनीय माध्यमों से प्राप्त प्रमाणिक जानकारी के अनुसार इस रेत उत्खनन कार्य में प्रदेश के बडे बडे सत्ताधारी नेता शामिल हैं जिसके पुख्ता प्रमाण इस प्रतिनिधि के पास सुरक्षित हैं।हमें पता है कि कुछ सत्ताधारी बडे नेताओं के दबाव के चलते जिलें के संबंधित अधिकारी कर्मचारी कार्यवाही करने के बजाय दुधारू खदान ठेकेदारों को बेजा संरक्षण दे रहे हैं। जिस से इन अधिकारियों की जेबें भी गरम हो रही हैं।
सप्रमाण जानकारी मिली है कि इस अवैध रेत उत्खनन व परिवहन को शांति से चलने देने की एवज में कुछ तथाकथित जिम्मेदार लोगों को हर माह लाखों रूपये रेत माफिया के द्वारा घरों में पहुंचा कर दिया जा रहा है। समय आने पर इन लोगों के नाम भी हम पाठकों तक पहॅुचाएंगे। यहाँ आलम ये है कि इस क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी सत्ताधारी बडे नेताओं के दबाव के चलते मौन रहने मजबूर है।बात करे कांग्रेस और भाजपा के बडे दिग्गज नेताओं जो विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की तैयारी में लगे है वे लोग भी शांत बैठे है। जिलें के सत्ताधारी नेता तो इसलिए मौन है की उनके व्दारा आंदोलन करने से कही उनकी विधानसभा की टिकट ना कट जायें। वहीं विपक्ष के नेता पार्टी के अंदर चल रही भारी गुटबाजी के कारण क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों को उठाने नाकाम सिध्द हो रहे हैं।
बाहरहाल इन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के मौन रहने से रेत माफिया के हौसले बुलंद है। वे पूरी दबंगई दिखाते हुए कुछ वर्ष पूर्व कुछ जनप्रतिनिधियों को भी अर्धनग्न करके भाड़े के गुंडों से पिटवा चुके हैं। तब से आज तक क्षेत्र के लोगों के मन में रेत माफियाओं का खौफ है, जिसके चलते क्षेत्र के जिम्मेदार लोग भी मौन बैठे हैं यही कारण है कि इस क्षेत्र में सड़क दुर्घटना से अबतक एक दर्जन से भी अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं लेकिन किसी के मुंह से बोल नहीं फूट रहे हैं।
अभी वर्तमान रात्रि में 10 बजे के बाद अमेठी, तेंदुकोंन्हा, परसुली, खरेंगा, सारंगपुरी, भरारी, दोनर, बारना इत्यादि खदानों में जेसेबी मशीन से रेत का उत्खनन व परिवहन धडल्ले से जारी है। वही इस संबंध में जानकारी के लिए खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को फोन से संपर्क किया गया लेकिन उनके व्दारा फोन नही उठाया गया।
अब इस संबंध में संबंधित मंत्री कलेक्टर और एसडीएम से बात की जायेगी, कि आखिर किस नियम और अधिनियम के तहत रात्रि में दो-दो जेसेबी मशीन से रेत उत्खनन व परिवहन की परमीशन दिया गया है। बहरहाल अब टॉप भारत न्यूज़ इस मामले को सिरे तक पहुँचाने का मन बना चुका है, तो इंतज़ार करिये इस मामले मे अगली सनसनीखेज खबर का।