@विनोद नेताम
बालोद जिले गुरूर जनपद पंचायत में कोरोना काल के दौरान भंयकर लूट मची हुई थी। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत निवास करने वाले कई जनप्रतिनिधि कहते हुए आ रहे हैं,लेकिन जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगाई जा रही इस आरोप की सच्चाई क्या है। अबतक किसी को पता नहीं है। जबतक मामले को लेकर उचित जांच नहीं होगी तब तक कहना मुश्किल है लेकिन लोगों के द्वारा लगाई गई इस आरोप ने और भी कई सवालों को जन्म दे दिया है। जिनका जवाब जनता को मिलना चाहिए। क्या जनपद पंचायत गुरूर में पदस्थ अधिकारियों ने ग्राम पंचायत में पदस्थ पंच सरपंचों के मर्जी बैगर सेनिटाइजर मशीन की सप्लाई बकायदा ग्राम पंचायतों को कर दिया और ग्राम पंचायतों से मशीन के बदले मोटा रकम ऐंठ लिया? आखिरकार आपादा में अवसर तलाशने के पीछे कौन व्यक्ति हैं, जिसके संरक्षण में कोरोना काल जैसी विपरीत परिस्थिति में भी जनपद पंचायत गुरूर में मौजूद अधिकारियों ने अपनी इमान को गिरवी रख दिया। सूत्रों की मानें तो कोरोना काल के दौरान आपदा को अवसर मानकर कई ऐसे कार्य धरातल पर किए गए है जिनका वजूद सच्चाई से कोसों दूर है। वैसे भी गुरूर जनपद पंचायत के अंदर सत्ताधारी पार्टी की नेताओं का बोलबाला है और सत्ता धारी नेताओं की सियासी दमखम के चलते विभाग में पदस्थ ऐसे कई अधिकारी और कर्मचारी हैं जिनका लंबे समय तक एक ही जगह पर अंगद के माफिक नौकरी करने रिकार्ड है। सूत्र बताते हैं कि अंगद के माफिक एक जगह पर टिके रहने वाले अधिकारियों ने ही गुरूर जनपद पंचायत के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए का वारा-न्यारा किया है। सामने चुनाव है अतः लाखों रुपए की वारा-न्यारा से संबंधित एक एक कत्था चिट्ठा धीरे धीरे लोगों के जुबान से धीरे-धीरे बाहर निकल रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन मामले को लेकर क्या रवैया अपनाता है।
बालोद जिले गुरूर जनपद पंचायत में कोरोना काल के दौरान भंयकर लूट मची हुई थी। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत निवास करने वाले कई जनप्रतिनिधि कहते हुए आ रहे हैं,लेकिन जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगाई जा रही इस आरोप की सच्चाई क्या है। अबतक किसी को पता नहीं है। जबतक मामले को लेकर उचित जांच नहीं होगी तब तक कहना मुश्किल है लेकिन लोगों के द्वारा लगाई गई इस आरोप ने और भी कई सवालों को जन्म दे दिया है। जिनका जवाब जनता को मिलना चाहिए। क्या जनपद पंचायत गुरूर में पदस्थ अधिकारियों ने ग्राम पंचायत में पदस्थ पंच सरपंचों के मर्जी बैगर सेनिटाइजर मशीन की सप्लाई बकायदा ग्राम पंचायतों को कर दिया और ग्राम पंचायतों से मशीन के बदले मोटा रकम ऐंठ लिया? आखिरकार आपादा में अवसर तलाशने के पीछे कौन व्यक्ति हैं, जिसके संरक्षण में कोरोना काल जैसी विपरीत परिस्थिति में भी जनपद पंचायत गुरूर में मौजूद अधिकारियों ने अपनी इमान को गिरवी रख दिया। सूत्रों की मानें तो कोरोना काल के दौरान आपदा को अवसर मानकर कई ऐसे कार्य धरातल पर किए गए है जिनका वजूद सच्चाई से कोसों दूर है। वैसे भी गुरूर जनपद पंचायत के अंदर सत्ताधारी पार्टी की नेताओं का बोलबाला है और सत्ता धारी नेताओं की सियासी दमखम के चलते विभाग में पदस्थ ऐसे कई अधिकारी और कर्मचारी हैं जिनका लंबे समय तक एक ही जगह पर अंगद के माफिक नौकरी करने रिकार्ड है। सूत्र बताते हैं कि अंगद के माफिक एक जगह पर टिके रहने वाले अधिकारियों ने ही गुरूर जनपद पंचायत के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए का वारा-न्यारा किया है। सामने चुनाव है अतः लाखों रुपए की वारा-न्यारा से संबंधित एक एक कत्था चिट्ठा धीरे धीरे लोगों के जुबान से धीरे-धीरे बाहर निकल रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन मामले को लेकर क्या रवैया अपनाता है।