गुरुर/गगोरीपर :- विद्युत विभाग निश्चित तौर पर एक जिम्मेदार विभाग माना जाता है। सरगुजा के जंगलों से लेकर बस्तर के घने जंगलों में बसे नक्सली कैंप से गुजर कर पूरे राज्य भर में बिजली की सरपल्स आपूर्ति जिस तरह से विधुत विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य की सरजंमी पर कर दिखाया है वह निश्चित रूप से किसी चमत्कार से कम नहीं है। वाकई जितनी तारीफ सूब्बे के विधुत महकमा की जा सकती है वह भी कम इनके मेहनत और लगन के आगे, लेकिन मैदानी इलाकों में पदस्थ महकमा के जिम्मेदार अधिकारीयों को
शायद सांप सुंघ जाता है। इसलिए महकमा में पदस्थ ज्यादातर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी बिजली विभाग के द्वारा किए गए मेहनत और लगन को गुड़ गोबर करने को उतावले देखें जा रहे। हैरानी की बात यह है कि विभाग में पदस्थ नौकरशाह ऐसे व्यक्तियों को बिजली का खंभा लगाने का ठेंका दे देते हैं। जिन्हें यह तक पता नहीं रहता है कि बिजली का खंभा एक जगह पर कैसे टिकता है, और जब ठेंकादार को ही यह पता नहीं होगा तो चिंतन करने वाली बात यह है कि आखिरकार बिजली का खंभा एक जगह पर कैसे टिकेगा।
बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला अंतर्गत गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत गंगोरीपार और तितुरगहन के बीच एक ऐसा ही घटना घटित होने की जानकारी प्राप्त हुई है। घटनाक्रम के अनुसार सड़क निर्माण कार्य के दौरान बिजली की खंभा को एक जगह से दूसरे जगह सिप्ट करना था। विधुत विभाग के द्वारा चयनित ठेंकादार ने बिजली खंभा सिप्टिंग के दौरान नियमों को ताक पर रख कर बिजली का खंभा गढ़ा दिया। उनके द्वारा गढ़ाई गई बिजली का खंभा गुणवत्ता हिन तरीके से जमीन पर गढ़ाई गई थी।जिसके चलते जरा सी हवा चली और तूफान चला जिसके बाद खंभा सड़क के बीचों-बीच गिर गया। गनिमत रही कि यह खंभा रात के वक्त धाराशाई हुई जिसके चलते कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई, लेकिन यही घटना यदि दिन के उजाले में घटित हुआ रहता तब निश्चित रूप से किसी भी बड़ी घटना या दुर्घटना हो सकता था।
बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला अंतर्गत गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत गंगोरीपार और तितुरगहन के बीच एक ऐसा ही घटना घटित होने की जानकारी प्राप्त हुई है। घटनाक्रम के अनुसार सड़क निर्माण कार्य के दौरान बिजली की खंभा को एक जगह से दूसरे जगह सिप्ट करना था। विधुत विभाग के द्वारा चयनित ठेंकादार ने बिजली खंभा सिप्टिंग के दौरान नियमों को ताक पर रख कर बिजली का खंभा गढ़ा दिया। उनके द्वारा गढ़ाई गई बिजली का खंभा गुणवत्ता हिन तरीके से जमीन पर गढ़ाई गई थी।जिसके चलते जरा सी हवा चली और तूफान चला जिसके बाद खंभा सड़क के बीचों-बीच गिर गया। गनिमत रही कि यह खंभा रात के वक्त धाराशाई हुई जिसके चलते कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई, लेकिन यही घटना यदि दिन के उजाले में घटित हुआ रहता तब निश्चित रूप से किसी भी बड़ी घटना या दुर्घटना हो सकता था।