@विनोद नेताम
रायपुर/बालोद:- छत्तीसगढ़ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष और कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम बिते दिनों डी एम एफ मद( खनिज न्यास मद) के अंदर मची बंदरबांट को लेकर अपने ही खुद की पार्टी के सरकार पर निशाना साधते हुए दिखाई दिए थे। दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में स्थित कोंडागांव जिला के अंदर खनिज न्यास मद के तहत लाखों रुपए का वारा-न्यारा किए जाने की सूचना है। मामले से जुड़ी हुई विषयों को लेकर मोहन मरकाम जैसे ईमानदार कांग्रेसी नेता के इमान तक लोगों ने गिरवी रख दिए थे जिसकी जानकारी मिलते ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम आग बबूला हो गए। जाहिर सी बात है जब व्यक्ति कुछ किया ही ना हो और लोग उसकी खाल उतारना शुरू कर दें तब व्यक्ति आग-बबूला नहीं होगा और क्या होगा। ऐसे में जायज माना जा सकता है प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम का भड़कना। हालांकि इससे पहले कई और कांग्रेसी नेताओं ने गाहे-बगाहे राज्य के अंदर डी एम एफ मद (खनिज न्यास मद) में गड़बड़ी को लेकर सवाल खड़ा करते हुए नजर आए थे, लेकिन भाजपा के विरोध में चूरा चूर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को तनिक भी चिंता नहीं हो रही है कि उनके सरकार के दौरान उनके ही पार्टी के नेता जब डी एम एफ मद(खनिज न्यास मद) में गड़बड़ी को लेकर आगबबूला हो रहे हैं और मामले को लेकर सरकार से सवाल पुछ रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित लाभांवित लोगों को आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से नाराज़ हो कर पंचायत मंत्री का जिम्मा संम्हालने वाले टी एस सिंहदेव ने विभाग से अलविदा ले लिया था। इस बीच डी एम एफ मद (खनिज न्यास मद) को लेकर राज्य के ज्यादातर जिला में बंदरबांट की खबर ने सुर्खियों की बाजार को गर्म कर रखा है। प्रदेश के अंदर खनिज न्यास मद में गड़बड़ी की भनक केन्द्रीय जांच एजेंसीयो को भी लग चुकी है। इसलिए बिते दिनों ईडी की टिम एक महिला अधिकारी से जुड़ी हुई मामले में तार को तलाशते हुए बालोद जिला में नजर आए थे। उक्त महिला अधिकारी कुछ समय तक बालोद जिला में भी पदस्थ रही। सूत्रों की मानें तो महिला अधिकारी की जिला में तैनाती के दरमियान जिला प्रशासन से जुड़े हुए अहम कार्य यह महिला अधिकारी स्वंय मैनैज किया करती थी। इस दौरान बालोद जिला के खनिज न्यास शाखा में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ झाला होने की संभावना जताई गई थी। चूंकि जिला में अनेक ऐसे सरकारी काम इस मद के पैसों से किया गया है जिसका कोई ठिकाना है और ना ही पता है। जिसके बावजूद कागजी कार्यवाही में काम दर्शाने की सुचना जग जाहिर है। कुलमिलाकर देखा जाए तो जिला खनिज न्यास मद को पैसा निकासी और कमीशनखोरी का जरिया बना दिया गया था। लिहाजा बालोद जिला खनिज न्यास मद में गड़बड़ी आशंका जताई जा रही है। जिला में मौजूद विपक्षी राजनीतिक दल के नेता अक्सर खनिज न्यास मद में बंदरबांट होने की बात को स्वीकार करते हैं, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की इच्छा बैगर कोई भी जांच संभव नहीं हो सकता है।
जानकारों की माने तो यदि सरकार निशप्कक्ष रूप से जांच जिला खनिज न्यास मद को लेकर करती है तो निश्चित रूप से बड़ी बड़ी गड़बड़ीयां सामने आ सकती है। मोहन मरकाम,टी एस सिंहदेव,और अन्य कांग्रेसी नेता जिन्होंने ने राज्य में अपनी ही पार्टी के सरकार से भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दों को लेकर सवाल उठाकर एक चुने हुए जनप्रतिनिधि का कर्तव्य निभाने का प्रयास किया है। निश्चित तौर उनके द्वारा सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए गए सवाल छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर उनकी उपयोगिता को दर्शाती है, लेकिन बालोद जिला में मौजूद कांग्रेसी नेता क्या सियासी नफा-नुकसान से ऊपर उठ कर जिला खनिज न्यास मद को लेकर उठ रही सवालों पर जांच की पहल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्या सत्ताधारी कांग्रेसी नेताओं को राहुलगांधी से जुड़े हुए मुद्दों पर ही सत्याग्रह करना आता है। क्या खनिज न्यास मद जैसे अहम सरकारी मद में बंदरबांट पर बालोद जिला के कांग्रेसी नेताओं को एक जुट होकर जांच नहीं करना चाहिए बांकी स्वंय विचार योग्य है।
जानकारों की माने तो यदि सरकार निशप्कक्ष रूप से जांच जिला खनिज न्यास मद को लेकर करती है तो निश्चित रूप से बड़ी बड़ी गड़बड़ीयां सामने आ सकती है। मोहन मरकाम,टी एस सिंहदेव,और अन्य कांग्रेसी नेता जिन्होंने ने राज्य में अपनी ही पार्टी के सरकार से भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दों को लेकर सवाल उठाकर एक चुने हुए जनप्रतिनिधि का कर्तव्य निभाने का प्रयास किया है। निश्चित तौर उनके द्वारा सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए गए सवाल छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर उनकी उपयोगिता को दर्शाती है, लेकिन बालोद जिला में मौजूद कांग्रेसी नेता क्या सियासी नफा-नुकसान से ऊपर उठ कर जिला खनिज न्यास मद को लेकर उठ रही सवालों पर जांच की पहल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्या सत्ताधारी कांग्रेसी नेताओं को राहुलगांधी से जुड़े हुए मुद्दों पर ही सत्याग्रह करना आता है। क्या खनिज न्यास मद जैसे अहम सरकारी मद में बंदरबांट पर बालोद जिला के कांग्रेसी नेताओं को एक जुट होकर जांच नहीं करना चाहिए बांकी स्वंय विचार योग्य है।