विनोद नेताम
विश्वगुरु होने का मतलब, G20 का अध्यक्ष होना था। यह दुनिया के 20 टॉप के देशों का संगठन है। इसका अध्यक्ष होना, याने टॉपर्स का टॉपर होना है। इसलिए हम विश्वगुरु हो चुके हैं।
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तो इंडोनेशिया 16 वाँ विश्वगुरु था। श्री महावीर चौबीसवे तीर्थंकर थे, एग्जेक्टली उसी टाइप, हम सत्रहवें विश्वगुरु हैं, एक साल के लिए। हमारे बाद 3 और विश्व गुरु आने बाकी हैं। इसके बाद फिर से, 1 नम्बर से क्रम चलेगा।
गुरु को अंटी ढीली करनी पड़ती है, भोज-भात कराना पड़ता है। यानी अगली बरस में बाकी के 19 गुरुओ को बुलाकर, जीमने का खर्च हमारे मत्थे होगा। 24 के इलेक्शन पूर्व 23 का इवेंट फिक्स हो गया है। वैसे ही जैसे औरतों की "किटी पार्टी" में हरेक के घर बारी बारी से पार्टी होती है।
नियम है कि जो अगली पार्टी देगा, अध्यक्ष वही रहेगा। इस तरह महिला के पति-बच्चो को रिस्पेक्टेड फील करते है, खुशी खुशी बर्तन धोते है, मेहमाननवाजी करते हैं, मम्मी की बलैयां लेते हैं।
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किटी पार्टी के 20 सर्वश्रेष्ठ देशों में हमारा नम्बर, ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स और परकैपिटा इनकम में 20 वाँ है। परन्तु बताया गया कि हम ही गुरु हैं, क्योकि हिन्दू हैं।
ये कंसिस्टेंट फैक्ट है। जब सार्क बना था, तो पहला अध्यक्ष नेपाल बना। वह सार्क का सबसे विकसित, ताकतवर, सम्मानित देश तो नही था, मगर तब वो हिन्दू राष्ट्र था। सार्क का मुख्यालय आज भी काठमांडू में ही है।
मगर फिर नेपाल ने हिन्दू राष्ट्र होने से तौबा कर ली, सम्विधान बनाया, सिकुलर हो गया। नतीजतन, सार्क दफन हो गया।
हम ये गलती नही करेंगे। हम दीमो दीमो जपेंगे, हिन्दू राष्ट्र बनेंगे, और हमेशा विश्वगुरु रहेंगे।
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दिक्कत ये है कि विश्वगुरु बनकर एग्जेक्टली करेंगे क्या??
थोड़ा बहुत जितना हमको पता है- गुरु नाम का जीव वो है, आंखे अधमुँदी करके पालथी मारकर बैठ जाता है। फिर सर्वज्ञानी के अंदाज में शांति, करुणा, प्रेम, बराबरी, अहिंसा, सद्भाव, अस्तेय, अपरिग्रह के सब्जेक्ट पर लच्छेदार लम्बी लम्बी छोड़ता है।
पर ये सब सब्जेक्ट तो गांधी, बुद्ध, महावीर वगैरह के सन्देश हैं। सब के सब कमजोरी, कायरता, डरपोक, कांग्रेसी टाइप मैसेज।
हम तो ऐसे वाले कायर कमजोर विश्वगुरु कतई न बने।
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अमृतकाल में विश्वगुरु, विगत 8 सालो से केयरफुल्ली तैयार किये सन्देश इस प्रकार देंगे।
- अहिंसा कायरों का गहना है।
- आवश्यकता पड़ने पर झूठ बोलना उचित है।
- राष्ट्र के लिए बन्धु बांधवो पड़ोसियों का कत्ल जायज है।
- जो मेरा है, वह मेरा है। जो तेरा है, वह भी मेरा है।
- सत्यासत्य का निर्णय ईवीएम से होता है।
- चौकीदार राष्ट्रहित में चोरी कर सकता है।
- जो पार्टी की रक्षा करे, धर्म उसके साथ है।
- विश्व मे हिन्दू श्रेष्ठ है। (ये इम्पॉर्टेंट है, बाकी म्लेच्छ आतंकी है, ये ज्यादा इम्पॉर्टेण्ट है)
- संस्कृत श्रेष्ठतम भाषा है।
- गाय ऑक्सिजनोत्पादक विश्व जननी है।
- विश्व के सारे अविष्कार भारत मे हुए है।
शिक्षाएं तो अनन्त हैं। आप भी कमेंट बॉक्स में सुझाव दे सकते हैं।
- "पाकिस्तान एंड 191अदर्स" छोड़कर शेष वसुधा, हमारा कुटुम्ब है।
- दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, मगर दोस्त छुपा दुश्मन होता है।
- दुश्मन से माफी मांगी जा सकती है, मगर दोस्त को जीवित नही छोड़ना चाहिए।
- कुछ लोगो को छोड़कर, बाकियों को आवश्यकता से अधिक धनसंग्रह नही करना चाहिए।
परंतु नए जमाने के विश्वगुरु की सम्पूर्ण शिक्षाओं का सारांश, साकार होकर सम्पूर्ण ब्रह्मांड में गूंज रहा है..
"घर मे शादी है, पैसे नहीं है"