विनोद नेताम बालोद :- एक ओर पुलिस महकमा के जिम्मेदार जिला पुलिस कप्तान साहब जिला में संचालित अवैध कारोबार को रोकने हेतू लगातार पहल और प्रयास कर रहे है तो वंही दूसरी ओर पुलिस महकमा में पदस्थ धरातल पर कार्य करने वाले पुलिसकर्मी अवैध वसूली कर अवैध कारोबार में बढ़ोतरी हेतू भ्रष्टाचार में अपनी अहम हिस्सेदारी निभा रहे हैं। वैसे खाकी वर्दी में निवछावर खोरी आज के वर्तमान दौर में आम बात बन कर रह गई है। आलम यह है कि महकमा में पदस्थ जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के चलते जिले में कई जगहों पर कबाडिय़ों का अवैध कारोबार जम कर फल फूल रहा है। चूंकि पुलिस महकमा अवैध कबाड़खाना के कबाडिय़ों भाईयो की दुकानों पर जांच व कार्यवाही करने हेतू कभी गंभीरता नहीं दिखाती है और ना ही जांच हेतू दस्तक देते है। ऐसे में लोगों के द्वारा जिला पुलिस महकमा को लेकर काफी गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे । लोगों की मानें तो पुलिस के संरक्षण में चल रही है जिला के अंदर कबाड़ी दुकान,इस दुकान के माध्यम से सबकी झोली भर रही है। महिने के महिने तय मुताबिक अवैध कारोबार का हिस्सा नियम पूर्वक महकमा में कबाड़ियों द्वारा जमा किया जाता है।
जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में जगह जगह अवैध कबाड़खाना का अड्डा मौजूद, सार्वजनिक जगहों को कब्जा कर धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है कबाड़खाना का दुकान। इन दुकानों में चोरी के सामान सहित अन्य संदिग्ध सामानों के आसानी से खरीदी बिक्री होने की लगातार जानकारी सामने आती रहती है, लेकिन पुलिस के पास इन दुकानों की जांच करने फुर्सत नहीं है। बताया जा रहा है कि अधिकांश कबाड़ी दुकान पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। वहीं विश्वशनीय स्त्रोत से मिली जानकारी मुताबिक निचले तबके के पुलिसकर्मियों द्वारा दुकानों में जाकर वसूली किया जाता है यही नही बल्कि थाना प्रभारी द्वारा बेगारी कार्य भी मुफ्त में इन कबाड़ व्यपारियो से कराया जाता है। लोगों के द्वारा लगाई जा रही आरोप पुलिस महकमा के लिए निश्चित रूप से असहनीय है,लेकिन यह भी सही है कि बैगर आग की धुंआ नहीं उठता है।
चोरी के सामानों की होती है खरीदी बिक्री..
मजेदार बात यह कि जिले में लगभग ढाई दर्जन से भी अधिक कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो बेरोक टोक बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इन पर किसी का नियंत्रण नहीं होने से कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, मोटरसाइकिल एवं अन्य चोरियों के सामान को बेधड़क खरीद रहे हैं। दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थानों से साइकिल और बाइक चोरी की घटना होती है। साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती। बाइक चोरी की रिपोर्ट तो लिखी जाती है, लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती समान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर करोड़ोंं कमाते हैं।
जिला के गुरूर थाना क्षेत्र व कवंर चौकी क्षेत्र में मौजूद कबाड़ी वाले रोजाना कई ट्रक कबाड़ बाहर भेज रहे हैं। कबाड़ी में मौजूद कबाड़ी भाई जान पुलिस महकमा से मिली भगत की बात खुलेआम दोहराते हुए नजर आते हैं ज्यादातर कबाड़ियों की मानें तो उनका धंधा पुलिस प्रशासन की मेहरबानी से संचालित हो रहा है। वंही कई ऐसे भी कबाड़ी भाई जिला में मौजूद हैं जो रोज दर्जनों गरीब ग्रामीणो को रोजगार देता है। जिला के कवंर चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कवंर में संचालित सदानंद साहू का कबाड़ी दुकान कवंर सहित आसपास के कई घरों में रोटी और रोजी का जुगाड़ करता है। बावजूद इसके उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है।