@विनोद नेताम
बालोद : जिला के बहुचर्चित नगर गुरूर जिसे राजनीतिक रन क्षेत्र का दर्जा हासिल है यानी कि राजनीतिक दृष्टिकोण से गुरुर जिला में काफी अहम स्थान रखता है। राजनीतिक दृष्टिकोण के बिहाब पर यदि देखा जाए तो गुरूर ने जो ख्याति राजनीति के क्षेत्र में हासिल कर रखी है वही ख्याति अन्य और क्षेत्रों में हासिल करने में सफल नहीं हो पाई है। आज भी राजनीतिक रण क्षेत्र की यह धरा विकास से कोसों दूर है,जबकि राजनीतिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण होने के बाद यह स्थिति नहीं होना चाहिए। सत्ता धारी राजनीतिक दल के नेताओं की दलील इन विषयों पर अलग हो सकती है लेकिन जो हिककत के धरातल पर मौजूद है उसे झूठला पाना इतना आसान नहीं है। चूंकि विकासखण्ड क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर आज भी बदहाली का रोना रो रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर की बदहाली का पहला स्पष्ट नजारा यंहा की छत पर लगी प्लास्टिक कवर है। अबजब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ढंग की छत ही मौजूद नहीं है तो इलाज की व्यवस्था का आंकलन आसानी से किया जा सकता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर के विषय में ज्यादातर क्षेत्र की जनता जो विचार प्रकट करते हैं उसे समझना होगा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर विगत कई वर्षों से रेफर सेंटर के रूप में जाना व पहचाना जाता रहा है। विगत कुछ महीनों पहले से अबतक तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर में एक्सरा टेक्निशियन की कमी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बहरहाल जिला कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बिते दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर का आकस्मिक निरीक्षण किया है। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के वार्डो एवं विभिन्न कक्षों का अवलोकन कर अस्पताल का जायजा लिया है। इस दौरान कुलदीप शर्मा ने चिकित्सको एवं अस्पताल के अधिकारी, कर्मचारियों को अस्पताल में मरीजों का समुचित इलाज भोजन नास्ता वैगरह की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। हालांकि कुलदीप शर्मा के निर्दोषों का पालन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी एवं कर्मचारी कंहा तक पालन करने में सफल हो पायेंगे यह कहा नहीं जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुछ दिन पहले नव निर्मित अस्पताल के सैंप्टिक टैंक के ठक्कन को ढकने हेतू शिलान्यास बोर्ड का इस्तेमाल कर दिया है। ऐसे में जिला के अंदर संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं पर धरातल में कई जिंदा सवाल मौजूद है।