रायपुर : पूरे देश भर में चली आ रही पर्वतन निदेशालय की जांच आखिरकार छत्तिसगढ़ राज्य की सियासी सरजंमी पर उतर ही गई है। गैर भाजपा शासित राज्यों में केन्द्रीय जांच एजेंसियों की लगातार छापा और कार्यवाही कोई बड़ी बात नहीं है। अतः छत्तीसगढ़ राज्य में इसकी शुरुआत होने की बात कोई नई नहीं है। राज्य में विगत कुछ महीनों से केन्द्रीय जांच एजेंसियां लगातार जांच कर रही है। हालांकि इसका अंदेशा पहले से ही लगाया जा राहा था इसलिए मामले में राजनीतिक बयानबाजी का दौर पहले से ही जारी था। चूंकि हाल के दिनों में इडी की छापा मार कार्यवाही ने राजनीतिक बयानबाजी को और ज्यादा तेज कर दिया है। लिहाजा पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह और पूरा विपक्ष मौजूदा सरकार को राज्य में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में लिप्त होने का आरोप मढ़ते हुए बढ़ावा देने हेतू कोस राहा है। वंही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार का बचाव करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह को उनके सरकारी कार्यकाल के दौरान हुए कथित तौर पर भ्रष्टाचार को गिना रहे है। कुल मिलाकर कर देखा जाए तो मामले को लेकर राज्य में राजनीतिक पारा तेरा भ्रष्टाचार मेरा भ्रष्टाचार से लेकर तू तू मैं मैं तक दोनों ओर से चल रही है। जबकि केन्द्रीय जांच एजेंसियां कार्यवाही को लेकर काफी संतुष्ट नजर आ रही है। आखिरकार मौजूदा सरकार के खासमखास मानें जाने वाले लोगों पर जांच एजेंसियों ने सिकंजा जो कस रखा है। ईडी के गिरफ्त में मौजूद नौकरशाहो से कुछ अंदरूनी राज निकलने की संभावना जताई जा रही है। यदि केन्द्रीय जांच एजेंसियों को मौजूदा सरकार से जुड़े हुए लोगों का भ्रष्टाचार में लिप्त होने की तार मिल जाते है तो आगे आने वाले दिन प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ सकती है। वैसे भी कांग्रेस पार्टी की मौजूदा सरकार की कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी ज्यादा कुछ करने व कहने को अबतक नहीं मिला है। ऐसे में केन्द्रीय जांच एजेंसियों को कोई ठोस सबूत मिलने पर भारतीय जनता पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संजीवनी मिल जायेगी। राज्य में खनन घोटाला से जुड़े हुए मामलों में नौकरशाहो और कारोबारियो पर केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए IAS अधिकारी समीर विश्नोई ने एजेंसी पर मामला गढ़कर फंसाने का आरोप लगाया है। IAS समीर विश्नोई सहित दो अन्य लोगों को ED ने 8 दिन की रिमांड पर लिया है। ED की कार्यवाही पर राज्य सरकार सकते में है वहीं दूसरी ओर समीर विश्नोई की पत्नी प्रीति विश्नोई ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर ईडी के अधिकारियों पर फंसा देने की धमकी देकर दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाने की बात कही है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले राज्य में कोयला खनन संबंधित कारोबारीयो के ठिकानों पर छापे पड़े थे। इस दौरान मशहूर कोयला कारोबारी के हवाले से महाराष्ट्र जैसी राजनीतिक हालात पैदा करने की बात कथित तौर पर कही गई थी। कोयला कारोबारी के इस बयान के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उस वक्त काफी गहमागहमी देखी गई थी। गौरतलब हो कि इन दिनों प्रदेश के बड़े नौकरशाहो और कोयला खनन से कारोबार संबंधित लोगों पर एक फिर से पर्वतन निदेशालय की ओर से ताबड़तोड़ छापा मार कार्यवाही किया गया है। ईडी की कार्यवाही से जंहा एक ओर सियासी बयान बाजी बढ़ गई है तो वंही दूसरी ओर नौकरशाहो के मध्य हड़कंप मच गया है। आगे आने वाले साल में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होना है ऐसे में भ्रष्टाचार से जुड़े हुए मामला विधानसभा चुनाव में विपक्ष के लिए राजनीतिक हथियार बन सकती है।जानिए_कौन_हैं_समीर_विश्नोई
समीर विश्नोई छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के रहने वाले समीर विश्नोई का जन्म 13 दिसंबर 1982 को हुआ। उन्होंने वर्ष 2005 में आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक पास किया था। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा पास कर वर्ष 2009 में आईएएस अधिकारी नियुक्त हुए। छ्तीसगढ़ में अलग-अलग जगहों पर पदस्थापना के बाद पहली बड़ी पदस्थापना कोंडागांव कलेक्टर के तौर पर वर्ष 2016 में पदस्थ हुए थे, लेकिन महज 11 महीनों में ही उन्हें वापस रायपुर बुला लिया गया। राज्य सरकार ने माईनिंग डायरेक्टर, माईनिंग कारपोरेशन के एमडी, आईजी रजिस्ट्रेशन, जीएसटी डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 19 सितंबर को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में समीर बिश्नोई को प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित मार्कफेड का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। विश्नोई के पास सीईओ छग इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) और विशेष सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी का अतिरिक्त प्रभार बरकरार रखा गया है।